November 7, 2025
Entertainment

60 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में बढ़ सकती हैं शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किलें, जांच में मिले अहम सुराग

Shilpa Shetty and Raj Kundra’s troubles may increase in the 60 crore fraud case, important clues found in the investigation.

60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बेस्ट डील कंपनी के माध्यम से निवेशकों के साथ की गई कथित करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में नया और बड़ा खुलासा सामने आया है।

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच से पता चला है कि यह धोखाधड़ी केवल 60 करोड़ रुपये तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक है।

इस मामले में ईओडब्ल्यू ने कंपनी के चार पूर्व कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ), पूर्व अकाउंटेंट और दो पूर्व निदेशक शामिल हैं। जांच एजेंसी अब पूरे वित्तीय लेन-देन और निवेश प्रक्रिया की गहराई से पड़ताल कर रही है। जांच को आगे बढ़ाने के लिए शाखा जल्द ही फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करेगी, जिससे कंपनी के बैंक खातों की जांच कराई जा सके। मामले में राज कुंद्रा के अलावा कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जिन्होंने धोखाधड़ी में पूरी मदद की है।

जांच अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद मामला साफ हो जाएगा और आरोप पत्र दायर करने से पहले ऑडिट रिपोर्ट मिल जाएगी।

ईओडब्लू की जांच में यह सामने आया है कि निवेशकों का पैसा लगातार राज कुंद्रा से जुड़ी कंपनियों के बीच ही घुमाया जाता था और बैलेंस शीट पर कंपनियों के नाम पर खर्चे दिखा रहे थे। ईओडब्लू के बयान के मुताबिक, राज कुंद्रा की कंपनी बेस्ट डील टीवी पर किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन देखने के बाद ग्राहक जब आर्डर करता था तो उस आर्डर को सेलर कंपनी से सीधे लेने के बजाय राज कुंद्रा उसे खरीदने अपनी ही कंपनी स्टेटमेंट मीडिया सॉल्यूशंस (एसएमएस) को देते थे। प्रोडक्ट खरीदने के बाद अपनी कंपनी कूरियर कंपनी एसएलएस लॉजिस्टिक के जरिए डिलीवर भी कराई जाती थी, जबकि कंपनी की बैलेंस शीट और निवेशकों को दिखाए गए दस्तावेजों में यह दर्शाया गया था कि सेवाएं अलग-अलग कंपनियों से ली जा रही हैं।

ईओडब्लू अधिकारियों के अनुसार, भले ही एसएमएस और एसएलएस लॉजिस्टिक कंपनियों में राज कुंद्रा का नाम डायरेक्टर के रूप में दर्ज नहीं है, लेकिन दोनों कंपनियों के निदेशक उसके बेहद करीबी लोग थे। जांच में यह भी पता चला है कि एसएमएस कंपनी ने अधिकांश वेंडरों को वास्तविक भुगतान नहीं किया, जबकि रिकॉर्ड में भुगतान दिखाया गया है। इन खुलासों के बाद फिलहाल राज कुंद्रा की परेशानी बढ़ गई है।

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