राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवीएंडएसीबी) जल्द ही ठियोग जलापूर्ति घोटाले के संबंध में निचली अदालत में आरोपपत्र दाखिल करेगा, जिसमें जलापूर्ति के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों के पंजीकरण नंबर पानी के टैंकरों के बजाय मोटरसाइकिलों, कारों के निकले, जिनमें एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का वाहन भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस ने आरोपी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ आरोपपत्र तैयार कर लिया है। आरोपपत्र को मंजूरी के लिए अभियोजन पक्ष के पास भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया, “जैसे ही आरोपपत्र मंजूर होगा, उसे निचली अदालत में पेश किया जाएगा।”
यह घोटाला पहली बार तब सामने आया जब ठियोग के पूर्व विधायक और सीपीएम नेता राकेश सिंघा ने इसे उजागर किया और आरोप लगाया कि जलापूर्ति में गंभीर अनियमितताएं हैं।
सिंघा ने एक आरटीआई के आधार पर आरोप लगाया कि जलापूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों का पंजीकरण नंबर पानी के टैंकरों के बजाय मोटरसाइकिलों, कारों का निकला, जिसमें एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का वाहन भी शामिल है।
खुलासे के बाद, मामला हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप दिया गया, जिसने मामले की प्रारंभिक जाँच की। सतर्कता विभाग की विशेष जाँच इकाई (एसआईयू) द्वारा की गई जाँच में कुप्रबंधन, पारदर्शिता की कमी और धोखाधड़ी के गंभीर मामले सामने आए।


Leave feedback about this