रोपड़ जिले के नांगल कस्बे की निवासी रंजना देवी ने एक निजी वित्त कंपनी के वसूली एजेंटों द्वारा 1,000 रुपये का शेष ऋण चुकाने के लिए कथित रूप से परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। महिला ने बुधवार को नांगल हाइडल नहर में छलांग लगा दी और उसका शव अभी तक बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शव बीबीएमबी की गंगूवाल बिजली परियोजना के पास देखा गया।
एसएसपी रोपड़ गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि नंगल पुलिस ने एक फाइनेंस कंपनी के तीन रिकवरी एजेंटों (शुभम, सागर और अभिषेक) के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया है।
आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक और शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इस घटना को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि रोपड़ जिला प्रशासन को जिले में अवैध वित्तीय गिरोह चलाने वालों और गरीब लोगों से अत्यधिक ब्याज वसूल कर उनका शोषण करने वालों पर नकेल कसने का निर्देश दिया गया है।
इस घटना से जनता में आक्रोश फैल गया है। इसने यह भी उजागर किया है कि कैसे अवैध और अनियमित निजी फाइनेंसरों का एक नेटवर्क इस क्षेत्र में सक्रिय है, जो छोटे-छोटे कर्ज के लिए बेताब गरीब कर्जदारों का शोषण कर रहा है।इस क्षेत्र में कार्यरत ऐसी कम्पनियां, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए, प्रति माह 5 से 10 प्रतिशत तक की अत्यधिक ब्याज दरें वसूल रही थीं, जो प्रभावी रूप से वार्षिक 60 से 120 प्रतिशत थी।


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