November 12, 2025
Punjab

पीएसपीसीएल इंजीनियरों ने सरकार के ‘मनमाने’ रवैये के खिलाफ आवाज उठाई

PSPCL engineers raise voice against ‘arbitrary’ attitude of the government

पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के इंजीनियर एसोसिएशन ने राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी और निलंबन जैसे ‘कठोर’ कदम उठाने के खिलाफ विरोध जताया है। इन फैसलों को जल्दबाजी में लिया गया बताते हुए इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर महानिदेशक हरजीत सिंह की बर्खास्तगी और रोपड़ से हरीश शर्मा के निलंबन के आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

इंजीनियरों ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के मनमाने निलंबन और बर्खास्तगी ने पूरे विद्युत अभियंता संवर्ग के विश्वास और भरोसे को गहरा आघात पहुँचाया है। भय और अनिश्चितता की भावना ने पहल करने और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता को हतोत्साहित किया है।

उन्होंने लिखा, “यह उस क्षेत्र के लिए बहुत हानिकारक है जो तकनीकी निर्णय, निरंतरता और विश्वास की मांग करता है।”

इसके अलावा, एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक निष्पक्ष जाँच की माँग की है, जिसमें एनटीपीसी/सीईए के विशेषज्ञों और मामले व आरोपों से परिचित एक कानूनी विशेषज्ञ की सहायता ली जाए। इंजीनियरों ने आगे कहा कि पीएसपीसीएल और पीएसटीसीएल के दैनिक कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप को रोककर उनकी स्वायत्तता और गरिमा को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पंजाब की बिजली कंपनियों को नियमित सरकारी विभागों में बदल दिया गया, तो राज्य की बिजली आपूर्ति, वित्तीय स्थिति और संस्थागत विश्वसनीयता को अपूरणीय क्षति होगी।

इस बीच, लुधियाना क्षेत्र की एक बैठक आज रोपड़ थर्मल प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निलंबन तथा राज्य सरकार द्वारा महानिदेशक को बर्खास्त करने के मामले पर चर्चा के लिए आयोजित की गई, जिसे सदस्यों ने सही तथ्य और आंकड़े एकत्र किए बिना मनमानीपूर्ण कदम बताया।

पीएसईबी इंजीनियर एसोसिएशन ऑफ पंजाब के लुधियाना के एसडीओ क्षेत्रीय सचिव संदीप सिंह ने कहा कि सदस्यों ने सीएमडी द्वारा लिए गए निर्णय के तरीके पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि तकनीकी मामलों में लगातार राजनीतिक हस्तक्षेप से पीएसपीसीएल की स्वायत्तता कैसे खत्म हो रही है।

सदन में इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि शाम पांच बजे के बाद मोबाइल फोन बंद करके तत्काल विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाना चाहिए तथा विरोध के प्रारंभिक चरण में नाराजगी दर्शाने के लिए काले बैज पहने जाने चाहिए। सदस्यों ने कहा कि जब भी अन्य ट्रेड यूनियनें और एसोसिएशन विरोध प्रदर्शन का आह्वान करें तो पीएसईबीईए को उनका समर्थन करना चाहिए तथा इंजीनियरों को हड़ताल में भाग नहीं लेना चाहिए।

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