नशे की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से इसे समाप्त करने के लिए एकजुट प्रयासों का आह्वान किया। शुक्ला ने आज शिमला जिले के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले का उद्घाटन किया।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हमें चिट्टे जैसी लत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होना होगा, जो परिवारों को बर्बाद कर रही हैं। पुलिस अवैध नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस सामाजिक बुराई को पूरी तरह से जड़ से उखाड़ने के लिए सामुदायिक भागीदारी ज़रूरी है।”
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, राज्यपाल ने कहा कि लवी मेला सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और राज्य की गौरवशाली परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। राज्यपाल ने कहा, “हमारी विरासत में गहराई से समाया यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल व्यापार का उत्सव है, बल्कि एक जीवंत उत्सव भी है जो परंपरा, समुदाय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को जोड़ता है।”
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करते हुए, राज्यपाल ने कहा कि उनके नेतृत्व में ही इस मेले को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा, “पहले लवी मेला व्यापारियों और स्थानीय समुदायों के बीच आपसी समझ से आयोजित होता था, लेकिन आज यह लोगों की सामूहिक भावना और एकता का प्रतीक है।”
शुक्ला ने विभिन्न ज़िलों के कलाकारों की प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा, “ऐसे उत्सव पारंपरिक कला, संगीत और शिल्प को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं, जिससे परिवारों और समुदायों को एक साथ जोड़ने वाले रीति-रिवाज़ और मूल्य जीवित रहते हैं।”
राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा, “यदि हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, तो हिमाचल स्वयं सुरक्षित और समृद्ध रहेगा।” उन्होंने कहा कि स्थानीय शिल्प, ऊनी उत्पादों और सूखे मेवों का प्रदर्शन न केवल हिमाचल की सांस्कृतिक संपदा को उजागर करता है, बल्कि कारीगरों और किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए बहुमूल्य अवसर भी प्रदान करता है।
उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी उद्घाटन किया तथा उनकी पहलों और कल्याणकारी योजनाओं में गहरी रुचि दिखाई।
राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष और स्थानीय विधायक नंद लाल ने कहा कि लवी मेले का ऐतिहासिक और व्यावसायिक महत्व है और यह ऊनी कपड़ों के व्यापार के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अब मेले में खेल गतिविधियों को भी शामिल किया जा रहा है, जिससे युवाओं के बीच इसका आकर्षण बढ़ रहा है।
उपायुक्त एवं अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अनुपम कश्यप ने राज्यपाल को सम्मानित किया तथा मेले के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने राज्य की समृद्ध परंपराओं और उत्सव की भावना को दर्शाते हुए रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।


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