पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 की धारा 16 और 17 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर हरियाणा राज्य को नोटिस जारी किया। अन्य बातों के अलावा, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इसने गैरकानूनी रूप से निजी व्यक्तियों और गौरक्षक समूहों को बलपूर्वक संप्रभु शक्तियां सौंप दी हैं।
याचिका में तर्क दिया गया कि आरोपित प्रावधान “सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी व्यक्ति” को बिना किसी योग्यता, सुरक्षा उपाय या जवाबदेही तंत्र निर्धारित किए तलाशी, जब्ती और मुकदमा चलाने की शक्तियों का प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।


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