उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को विशाखापत्तनम पहुंचे। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष चिंतकयाला अय्याना पात्रुडू और आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री नारा लोकेश समेत कई प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को विशाखापत्तनम में 30वें सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) साझेदारी शिखर सम्मेलन-2025 के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का आयोजन सीआईआई की ओर से भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में किया जा रहा है।
सीआईआई शिखर सम्मेलन व्यापार और निवेश के भविष्य को आकार देने के लिए विचारकों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों और वैश्विक साझेदारों को एक साथ लाएगा। इस शिखर सम्मेलन का विषय ‘प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार: नई भू-आर्थिक व्यवस्था का मार्गदर्शन’ है। इस प्रमुख कार्यक्रम में 45 सत्र और 72 अंतरराष्ट्रीय वक्ता, 2,500 प्रतिनिधि सहित 45 देशों के 300 विदेशी प्रतिभागी शामिल होंगे।
आंध्र प्रदेश के कार्यक्रम के अलावा, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। वे नई दिल्ली के यशोभूमि में रोटरी तेजस-विंग्स ऑफ चेंज कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
रोटरी जोन 4, 5, 6 और 7 के लिए ‘तेजस-रोटरी जोन इंस्टीट्यूट’ 14 से 16 नवंबर तक नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 1,400 से अधिक रोटरी निर्णयकर्ताओं, इन्फ्लूएंसरों और अन्य विशिष्ट अतिथियों के भाग लेने की उम्मीद है। रोटरी 14 लाख से अधिक पेशेवरों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं का एक वैश्विक नेटवर्क है जो विश्व की सबसे लगातार मानवीय चुनौतियों से निपटने के लिए समर्पित है। भारत में, रोटरी के 6,700 से अधिक क्लबों में 2,10,000 से ज्यादा सदस्य हैं, जो समुदायों को रूपांतरित करने वाली सेवा परियोजनाओं में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय दूरसंचार सेवा स्थापना के हीरक जयंती समारोह में भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय दूरसंचार सेवा 1965 में स्थापित हुई थी। यह भारत सरकार की संगठित सिविल सेवा है। इस सेवा की स्थापना दूरसंचार संबंधित क्षेत्रों में सरकार की तकनीकी-प्रबंधकीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी।


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