लोग हमेशा शिकायत करते हैं कि सरकारी दफ्तरों में उनकी शिकायतों का समाधान धीमी और लंबी प्रक्रियाओं के कारण लंबे समय तक नहीं हो पाता। कई मामलों में, लोग समाधान के बिना हफ़्तों या महीनों तक इंतज़ार करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, रोहतक ज़िला प्रशासन ने प्रशासन में सुधार और सेवा वितरण में सुधार के लिए दो प्रमुख डिजिटल पहल शुरू की हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दोनों पहलों का आधिकारिक उद्घाटन किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रशासन को जनता की समस्याओं का तुरंत और पारदर्शी तरीके से समाधान करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये उपयोगकर्ता-अनुकूल, तकनीक-संचालित सेवाएँ समय पर समाधान प्रदान करते हुए नागरिकों के समय और मेहनत की महत्वपूर्ण बचत करेंगी।
ये दो डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं: “नमस्ते रोहतक”, जो एक व्हाट्सएप आधारित शिकायत निवारण चैटबॉट है, और “प्रशासन की पहल”, जो एक क्यूआर आधारित नागरिक फीडबैक सिस्टम है। ये प्लेटफॉर्म मिलकर निवासियों को डिजिटल रूप से शिकायत दर्ज करने और सरकारी सेवाओं व उपयोगकर्ता अनुभव पर अपनी प्रतिक्रिया सीधे अधिकारियों के साथ साझा करने की सुविधा देते हैं। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए शासन को अधिक जवाबदेह और सुलभ बनाना है।
‘नमस्ते रोहतक’ का उद्देश्य नागरिकों को व्हाट्सएप के माध्यम से आसानी से शिकायत दर्ज कराने में सक्षम बनाना है, जिससे त्वरित और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित हो सके। ‘प्रशासन की पहल’ का उद्देश्य नागरिकों से वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया प्राप्त करना है ताकि प्रशासन सेवाओं में कमियों की पहचान कर सके, जवाबदेही में सुधार कर सके और शासन को अधिक नागरिक-अनुकूल बना सके। जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने दावा किया कि इससे जवाबदेही और नागरिकों का विश्वास मज़बूत होगा, लंबी कतारें और शिकायतों के लिए व्यक्तिगत मुलाक़ातें कम होंगी और साक्ष्य-आधारित शासन को बढ़ावा मिलेगा।
डीसी सचिन गुप्ता ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म रोहतक निवासियों को सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक सुलभ और कुशल बनाकर लाभान्वित करेंगे: शिकायतें बिना कागजी कार्रवाई या कतार के अपने फोन से दर्ज की जा सकती हैं, फीडबैक गोपनीय रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है, और शिकायत और फीडबैक दोनों प्रणालियों से वास्तविक समय पर ट्रैकिंग और तेजी से निवारण की अनुमति मिलती है, जिससे सार्वजनिक सेवाओं में समग्र पारदर्शिता और विश्वास बढ़ता है।


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