श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह और पंजाब सरकार द्वारा तीन शहरों को पवित्र शहर घोषित करने के ऐलान को लेकर पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे अवसरों पर गरिमा और पवित्रता बनाए रखना बेहद जरूरी होता है।
चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान अश्विनी शर्मा ने कहा, “बीता दिन अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से भरा हुआ था। यह वह दिन था जब हम गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को स्मरण कर रहे थे और उन ऐतिहासिक क्षणों को याद कर रहे थे जब भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाल दास ने शहादत प्राप्त की थी। लेकिन मुझे लगता है कि कहीं न कहीं ऐसे पावन दिन की मर्यादा को बनाए रखने में चूक हुई।”
उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले दिनों पर राजनीति या विवाद की जगह नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए यह दिन भावनाओं और श्रद्धा का प्रतीक था, न कि किसी प्रकार के मतभेदों का।”
इसके साथ ही पंजाब सरकार द्वारा तीन शहरों को पवित्र नगर घोषित करने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मैं इस बात से सहमत हूं कि चंडीगढ़ पंजाब की राजनीतिक राजधानी है, लेकिन अमृतसर तो पंजाब ही नहीं, पूरे देश की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी है। यह स्वाभाविक और ऐतिहासिक सत्य है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पवित्र शहर की घोषणा एक अच्छी पहल है, लेकिन अमृतसर के संदर्भ में कुछ गलतफहमियां या भ्रम की स्थिति दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने जिन तीन स्थानों को पवित्र शहर घोषित किया है, उस घोषणा में अमृतसर की भूमिका को लेकर स्पष्टता की जरूरत है। अमृतसर हमारी आस्था का केंद्र है, श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्र भूमि है। इसलिए इस शहर की गरिमा के बारे में किसी प्रकार की अनिश्चितता सही नहीं है।


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