केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए देशभर में सभी राज्यों के राजभवनों के नाम बदल दिए हैं। सरकार ने अब सभी राज्यों के राजभवन को लोकभवन का नाम दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे विकसित तथा श्रेष्ठ भारत के निर्माण की स्वर्णिम यात्रा में एक अहम पड़ाव बताया है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि पिछले 11 वर्षों से मोदी सरकार सत्ता नहीं, सेवा की पर्याय रही है, जिसमें सत्ता का सर्वोच्च नेता स्वयं को प्रधानसेवक मानकर जनता के लिए सातों दिन, 24 घंटे कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवा के संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया है। साथ ही, राजभवन और राज निवास का नाम बदलकर लोक भवन और लोक निवास किया जा रहा है।
अमित शाह ने कहा कि यह सेवा और सुशासन को सर्वोपरि रखते हुए विकसित तथा हर क्षेत्र में श्रेष्ठ भारत के निर्माण की स्वर्णिम यात्रा में एक अहम पड़ाव है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन कर दिया गया है।
इसी क्रम में केंद्र सरकार की तरफ से राजभवनों का नाम बदलना स्पष्ट संदेश है कि सत्ता कोई लाभ उठाने का माध्यम नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का नाम है। नाम बदलने के पीछे केवल दिखावा भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक स्पष्ट संदेश और सोच छिपी हुई है। संदेश यह है कि सरकार का काम जनता की सेवा करना है, न कि सत्ता का सुख भोगना।
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में कई जगहों और मार्गों के नाम बदलने के उदाहरण सामने आए हैं।
इससे पहले राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ रख दिया गया। पहले राजपथ राजाओं का रास्ता या शक्ति का संदेश देता था, जबकि बाद में इसको कर्तव्य से जोड़ दिया गया, जिसका मतलब साफ है कि सत्ता कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक सेवा का मौका और जिम्मेदारी है।


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