दिल्ली विधानसभा ने पेपर सबमिशन, बिल और सवालों का तरीका पूरी तरह खत्म कर दिया है और आने वाले शीतकालीन सत्र में पूरी तरह डिजिटल होने का प्लान है। स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को यह बात कही। दिल्ली विधासनभा में हुए डिजिटल ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान गुप्ता ने कहा, “हम जो भी कागज को डिजिटलाइज्ड करते हैं, वह पर्यावरण से किया गया हमारा वादा है।”
आईटी विभाग के अधिकारियों ने जीएनसीटीडी के अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को आने वाले विंटर सेशन के लिए नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन पर ट्रेनिंग दी, जो इस महीने के तीसरे हफ्ते में शुरू होने की उम्मीद है।
विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान वहां मौजूद थे। एक बयान में कहा गया कि स्पीकर ने अधिकारियों से बातचीत की और उनसे ऐप को अच्छे से अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से डिपार्टमेंट के साथ-साथ विधानसभा के कामकाज को भी फायदा होगा।
मंगलवार के ट्रेनिंग सेशन में सोशल वेलफेयर, एससी और एसटी के लिए वेलफेयर, कोऑपरेटिव, इलेक्शन, लॉ एंड जस्टिस, मजदूर,नौकरी, विकास, आर्ट, संस्कृति और भाषा, पर्यटन, कंपनियों, फूड एंड सप्लाई, और पर्यावरण, वन विभाग के अधिकारी शामिल थे।
सत्र से पहले पूरी तैयारी पक्की करने के लिए बाकी विभागों के अधिकारियों को बुधवार को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाएगी।
गुप्ता ने भरोसा जताया कि इस डिजिटल बदलाव से विधानसभा की कार्यवागी के लिए पहले इस्तेमाल होने वाले कागज की बड़ी मात्रा खत्म हो जाएगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सवाल-जवाब, बिल, टेबल पर रखे गए पेपर, स्पेशल मेंशन और असेंबली के दूसरे काम जो पहले प्रिंटेड रूप में आते थे, अब पूरी तरह से डिजिटल मॉड्यूल के जरिए प्रोसेस किए जाएंगे, जिससे सरकारी डिपार्टमेंट और असेंबली के बीच समय पर, अच्छे से और पूरी तरह से जवाबदेह कम्युनिकेशन पक्का होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा पर्यावरण, बेहतर कामकाज, नई तकनीक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने के अपने वादे को दोबारा दोहराती है। इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में विभाग की सक्रिय भागीदारी के साथ, स्पीकर ने कहा कि विधानसभा अब बिना कागज के काम करने वाली और भविष्य के लिए तैयार व्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रही है। यह मॉडल देश की बाकी विधानसभाओं के लिए भी उदाहरण बनेगा।


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