आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते प्रदूषण को लेकर आज भाजपा नीत केंद्र और दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला। धालीवाल ने कहा कि कई वर्षों से एक सोची-समझी साजिश के तहत केंद्र सरकार और अब दिल्ली सरकार भी पंजाब के किसानों पर प्रदूषण का ठीकरा फोड़ रही है और उन्हें बदनाम कर रही है, लेकिन इन दोनों सरकारों की सच्चाई अब सबके सामने आ गई है।
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए, कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा कल लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों से सब कुछ स्पष्ट हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने स्वयं सदन को बताया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 90 प्रतिशत तक की कमी आई है। धालीवाल ने कहा, “यह बयान साबित करता है कि जिस तरह से भाजपा और दिल्ली सरकार दिल्ली के प्रदूषण के लिए पूरी तरह से पंजाब को ज़िम्मेदार ठहराकर शोर मचा रही है, वह पूरी तरह से झूठ और राजनीति से प्रेरित है।”
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह उसका अपना औद्योगिक कचरा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली एक प्रतिष्ठित संस्था, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट यानी सीएसई, ने अपनी रिपोर्ट में साफ़ तौर पर कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण की असली वजह औद्योगिक कचरा और कूड़े के पहाड़ों में लगी आग से निकलने वाला धुआँ है।
धालीवाल ने इसके लिए सीधे तौर पर दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा से सवाल किया कि वे दिल्ली की जनता को बताएं कि जब पंजाब में पराली जलाना नगण्य हो गया है, तो अब दिल्ली के प्रदूषण के लिए कौन ज़िम्मेदार है?
धालीवाल ने पंजाब में बाढ़ के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरा और कहा कि केंद्र सरकार पहले बाढ़ के लिए पंजाब को ज़िम्मेदार ठहराती थी। केंद्र का तर्क था कि राज्य में नालों की सफाई न होने और अवैध खनन के कारण बाढ़ आई है। उन्होंने कहा, “लेकिन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा सदन में दिए गए बयान ने इस झूठ का भी पर्दाफाश कर दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि पंजाब में बाढ़ पूरी तरह से एक प्राकृतिक आपदा थी, न कि खनन या किसी और कारण से।


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