December 5, 2025
National

शकीरा खलीली हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी श्रद्धानंद की खारिज की याचिका, पत्नी की हत्या के मामले में काट रहा सजा

Shakira Khalili murder case: Supreme Court dismisses plea of ​​Swami Shraddhanand, who is serving sentence for his wife’s murder.

प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के कुख्यात स्वघोषित बाबा स्वामी श्रद्धानंद उर्फ मुरली मनोहर मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने सरकार से जल्द फैसला लेने की मांग की थी।

श्रद्धानंद पिछले 30 साल से ज्यादा समय से उम्रकैद की सजा काट रहा है। यह मामला देश के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में से एक माना जाता है, जिस पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘डांसिंग ऑन द ग्रेव’ नाम की डॉक्यूमेंट्री भी बनाई जा चुकी है।

28 अप्रैल 1991 में बेंगलुरु में मुरली ने एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया था, जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया था। उसने अपनी ही पत्नी शकीरा खलीली को जिंदा ही दफना दिया था। फिर तीन साल तक उसी डांस और पार्टी करता रहा। लेकिन आखिरकार पुलिस ने वारदात का खुलासा किया और तब से मुरली मनोहर सलाखों के पीछे है।

गौरतलब है कि मैसूर के दीवान सर मिर्जा इस्माइल की पोती शकीरा खलीली, जो एक रॉयल और बेहद अमीर परिवार से थीं, पहले उनकी शादी अकबर मिर्जा खलीली से हुई थी और उनकी चार बेटियां थीं। अकबर अक्सर विदेश रहते थे, जिससे शकीरा अकेलापन महसूस करने लगीं। इसी दौर में उनकी जिंदगी में आया मुरली मनोहर मिश्रा, जो बाद में खुद को ‘स्वामी श्रद्धानंद’ कहने लगा।

शकीरा बेटे की चाहत में उसके करीब आईं और 1986 में दोनों ने शादी कर ली। लेकिन यह रिश्ता प्यार पर नहीं, लालच पर खड़ा था। शकीरा करीब 600 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन थीं और श्रद्धानंद की उसी पर नजर थी। समय बीतने के साथ दोनों के रिश्ते बिगड़ते गए और अंत में श्रद्धानंद ने एक ऐसी खौफनाक योजना बनाई, जिसे सुनकर आज भी किसी की रूह कांप जाए।

28 अप्रैल 1991 को उसने शकीरा को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया, फिर बंगले के कंपाउंड में पहले से तैयार एक ताबूत में डालकर जिंदा दफन कर दिया। उस जगह पर उसने टाइलें लगवा दीं ताकि किसी को शक न हो। इसके बाद उसने बड़ी सफाई से सबको ये कहानी सुनाई कि शकीरा विदेश चली गई हैं। वह खुद उनके नाम से पत्र लिखता रहा, बैंक खातों को चलाता रहा और उसी जगह पार्टियां करता रहा जहां शकीरा दफन थीं।

लेकिन उसकी चाल ज्यादा समय तक नहीं चली। शकीरा की बेटी सबीना को लगातार शक होता रहा। उसने मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच आगे बढ़ी और 1994 में श्रद्धानंद गिरफ्तार हुआ। पूछताछ में उसने सब कबूल किया। पुलिस ने बंगले में खुदाई कर शकीरा का कंकाल बरामद किया।

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