हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ (एचजीसीटीए) ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से धीमी पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है।
एचजीसीटीए के अनुसार, 2006 और 2009 में नियुक्त हुए शिक्षक अभी भी प्रवेश स्तर पर ही अटके हुए हैं। एचजीसीटीए की अध्यक्ष बनिता सकलानी ने कहा, “शिक्षक लगभग दो दशकों से प्रवेश स्तर पर ही अटके हुए हैं। यह देखते हुए कि प्रत्येक पदोन्नति का वित्तीय बोझ मुश्किल से कुछ हज़ार प्रति माह होता है, इस मामले में नौकरशाही की निष्क्रियता उचित नहीं है।”
एचजीसीटीए के अनुसार, कई अनुस्मारक, ज्ञापन और आश्वासनों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। सकलानी ने कहा, “कॉलेज शिक्षक 2022 में सातवें वेतन आयोग के लाभों के लिए धरने पर बैठे थे। जब अधिसूचना आई, तब भी करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) का हिस्सा इसमें शामिल नहीं था। चार साल बाद भी, सीएएस अधिसूचना अभी भी लंबित है, जिससे योग्य संकाय सदस्य गतिहीनता की स्थिति में हैं।”
एचजीसीटीए ने आगे बताया कि जिन शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नत किया गया था, उन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं और उनमें से कुछ की सेवानिवृत्ति की आयु भी निकट आ रही है। सकलानी ने कहा, “यह केवल प्रशासनिक देरी ही नहीं, बल्कि अपमानजनक भी है।” उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि पदोन्नत प्रधानाचार्यों को जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएँगे।


Leave feedback about this