बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को भूमि माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि भू माफियाओं को संरक्षण देने वाले सफेदपोशों और अधिकारियों की पहचान की जाएगी और उन पर भी कार्रवाई भी की जाएगी। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस बीमारी को जड़ से मिटाने की जरूरत है।
पटना में बुधवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, “जानकारी के अनुसार भूमि माफिया के साथ विभाग के भी कुछ लोग शामिल हैं, जो भी सफेदपोश लोग इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के कार्यालय उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं चलेंगे। हर पंचायत में नियत समय पर बैठकें होंगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कर्मचारी कार्यालय में मौजूद हों या नहीं, इस पर निगरानी रखी जाएगी। कर्मचारी का कार्यालय उनके झोले में नहीं होगा।”
उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब कोई बहाना स्वीकार नहीं होगा। भूमि सुधार विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है। मार्च तक लंबित सभी मामलों को निपटाने के लिए विशेष टीमें और तंत्र तैयार किए जा रहे हैं। अब अधिकारी और पदाधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन समय सीमा में करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने साफ किया कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन विभाग की पहली प्राथमिकता होगी। सभी जिलों में साप्ताहिक समीक्षा होगी और समयबद्ध ढंग से कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा। बिना कारण आवेदनों को रिजेक्ट करने की मानसिकता खत्म करनी होगी। यदि कोई अधिकारी आवेदन खारिज करता है, तो उसे ठोस कारण देना होगा और इसकी जांच भी की जाएगी।
उन्होंने सरकार की ओर से शुरू होने वाले कार्यक्रम ‘भूमि सुधार संवाद’ की जानकारी देते हुए कहा कि इसकी शुरुआत 12 दिसंबर को पटना से होगी। वहीं, 15 दिसंबर को लखीसराय में संवाद होगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से 12 बजे तक चलेगा। इस संवाद में कोई भी व्यक्ति अपने जमीन-संबंधी दस्तावेज लेकर आ सकता है और तत्काल समाधान किया जाएगा


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