मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाला बच्चन ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और कहा कि मोहन यादव सरकार कानून व्यवस्था के हर मोर्चे पर नाकाम रही है
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और विधायक बाला बच्चन ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के दो वर्ष के कार्यकाल पर सीधा और करारा प्रहार करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा गृह विभाग का कार्यभार संभालना राज्य के लिए ‘प्रशासनिक लापरवाही और अराजकता का कारण’ बन गया है।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री पूरी तरह विफल साबित हुए हैं और राज्य का ‘विकास और सेवा’ का दावा केवल “मीडिया प्रबंधन” तक सीमित है। पिछले दो वर्षों में केवल ‘धोखे और कर्ज’ का शासन देखा है, जहां हर नागरिक पर 50 हजार का कर्ज थोप दिया गया, वहीं दूसरी ओर, बेटियों और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
उन्होंने आगे कहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास गृह विभाग है और उनका पुलिस बल पर नियंत्रण पूरी तरह समाप्त हो चुका है। पुलिस बल को अत्यधिक बल प्रयोग और मनमानी करने का लाइसेंस मिल गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक बच्चन का आरोप है कि भाजपा शासनकाल में हिरासत में हुई मौतों की संख्या में 23 प्रतिशत की चिंताजनक वृद्धि हुई है। आधिकारिक डेटा के अनुसार, 2020-21 में 163 हिरासत में मौतें थीं, जो 2021-22 में बढ़कर 201 हो गईं। हाल ही में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को स्वत: संज्ञान लेना पड़ा। अक्टूबर 2025 में, भोपाल में एक बी.टेक छात्र और अशोकनगर में एक ग्रामीण व्यक्ति की कथित पुलिस बर्बरता के कारण हुई मौत पर नोटिस जारी किया।
इसके अलावा जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक प्रदेश में 329 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 48 प्रकरण भोपाल में दर्ज हुए। कांग्रेस विधायक का आरोप है कि राज्य में पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। इसका प्रमाण है कि जनवरी 2024 से जून 2025 तक पुलिसकर्मियों पर हमले के 461 प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें 612 पुलिसकर्मी घायल हुए और 5 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई है। राज्य में महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं, तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं और सरकार आंख मूंदें हुए है।


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