आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने गठबंधन सरकार पर ऋण और वित्तीय अनुशासन के मुद्दे पर दोहरे रुख का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। पूर्व वित्त मंत्री बुग्गना राजेंद्रनाथ ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य द्वारा लिए गए अत्यधिक लोन का कल्याणकारी उपायों में असर दिखाई नहीं देता। राजस्व में हो रही गिरावट मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की धन सृजन में अक्षमता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
बुग्गना राजेंद्रनाथ ने कहा, “गठबंधन सरकार ने अब तक 26 लाख करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि ग्रहण की है, फिर भी कल्याणकारी योजनाएं या तो धीमी गति से चल रही हैं या शुरू ही नहीं हो पाई हैं। सुपर सिक्स योजना पूरी तरह विफल रही है, क्योंकि चुनाव के दौरान किए गए वादों के अनुसार कोई भी योजना लागू नहीं की जा रही है। बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है, पेंशन पूरी तरह से लागू नहीं की गई हैं और किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए गए हैं।”
वाईएसआरसीपी नेता ने दावा किया कि पिछले 18 महीनों में राज्य लोन लेने के मामले में चौथे स्थान से छलांग लगाकर पहले स्थान पर पहुंच गया है, लेकिन झूठा प्रचार जारी है। जब वाईएसआरसीपी सरकार ने कल्याणकारी खर्चों को पूरा करने के लिए शराब की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग करके एनसीडी (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) जारी करके ऋण लिया था, तब चंद्रबाबू नायडू और उनके प्रचार तंत्र ने इसका कड़ा विरोध किया था।
उन्होंने कहा, “अब टीडीपी सरकार भी उसी ढांचे के माध्यम से ऋण ले रही है। टीडीपी का रुख ऐसा है कि विपक्ष में रहते हुए वे इस तरह की वित्तीय व्यवस्था को अपराध मानते हैं और सत्ता में रहते हुए इसे धन सृजन में योगदान देने वाला मानते हैं।”
राजेंद्रनाथ ने टीडीपी को चुनौती दी कि या तो वे जनता को स्पष्ट करें कि जिस वित्तपोषण संरचना को उन्होंने विपक्ष में रहते हुए धोखाधड़ी बताया था और जिसे वे अब ऋण जुटाने के लिए अपना रहे हैं, क्या वह विपक्ष में रहते हुए टीडीपी द्वारा लोगों को गुमराह करने के लिए रची गई एक साजिश का हिस्सा थी?
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने खनिज विकास निगम के भविष्य के ऋणों को भी गिरवी रख दिया है और यहां तक कि निजी व्यक्तियों को सरकारी खजाने तक पहुंच प्रदान कर दी है, जो असंवैधानिक है। गठबंधन सरकार निगमों के नाम पर कर्ज ले रही है और उस धन का दुरुपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए कर रही है तथा जवाबदेही का अभाव है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया ने चंद्रबाबू नायडू को आक्रामक कर्जदार बताया है, लेकिन फिर भी वे लिए गए कर्जों के लिए हमें ही दोषी ठहराते रहते हैं और अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आंकड़े बताते हैं। राजेंद्रनाथ ने आगे कहा, “चंद्रबाबू नायडू खुलेआम यह कहते रहे हैं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने वित्तीय प्रबंधन में गलती की है, जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है।”


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