मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरा उत्पादक किसानों के लिए 380 करोड़ रुपये जारी किए और दोहराया कि किसानों का कल्याण हरियाणा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अपने आधिकारिक आवास संत कबीर कुटीर में किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की समृद्धि के बिना राज्य की समृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक कृषि मशीनरी पर सब्सिडी दी जाती है। फसल क्षति होने पर मुआवजा और फसल बीमा प्रदान किया जाता है, और प्रत्येक अनाज की खरीद सुनिश्चित की जाती है, जिसका भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जाता है।”
सैनी ने बताया कि अब सभी 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा रही है और अब तक 12 लाख किसानों के खातों में 1.64 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं। पिछले 11 वर्षों में फसल क्षति के मुआवजे के रूप में 15,728 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने किसानों से जल संरक्षण और खेती की लागत कम करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई अपनाने का आग्रह किया। सुधारों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि अबियाना प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है और 133.55 करोड़ रुपये का बकाया माफ कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि गन्ने का भाव बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो देश में सबसे अधिक है।


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