नई दिल्ली, भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से मध्यपूर्व रीजन के साथ देश का आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, साथ ही निवेश में भी इजाफा होगा।
यह ओमान का किसी देश के साथ दूसरा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होगा। इससे पहले करीब 20 वर्ष पूर्व ओमान ने अपना पहला एफटीए किया था।
इससे भारत के निर्यात विविधीकरण को मजबूती मिलेगी और आपूर्ति श्रृंखलाएं भी मजबूत होंगी।
2020 से ओमान में भारतीय निवेश तीन गुना से अधिक बढ़कर 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें ग्रीन स्टील, ग्रीन अमोनिया, एल्युमीनियम निर्माण और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह निवेश दीर्घकालिक ऑपरेटिंग बेस के रूप में ओमान में भारत के विश्वास को दर्शाते हैं।
दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने कई मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनसे हमारे किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों को लाभ मिल रहा है।
भारत की ओर से निर्यात में विविधता लाने के लिए लगातार एफटीए पर फोकस किया जा रहा है। जुलाई में भारत ने यूके से एफटीए किया था। इसके तहत 90 प्रतिशत से अधिक सामान पर टैक्स शून्य हो गया है। वहीं, भारत ने यूएई, यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (ईएफटीए) में शामिल देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन से भी एफटीए किया है। वहीं, भारत का ऑस्ट्रेलिया से भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो चुका है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा था कि प्रस्तावित भारत-ओमान फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, ज्वेलरी, एग्रोकेमिकल, रिन्यूएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स में नए अवसर पैदा होंगे।
मस्कट में आयोजित भारत-ओमान बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए गोयल ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के प्रवेश द्वार के रूप में ओमान को रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण बताया, जो भारतीय व्यवसायों को बेहतर बाजार पहुंच प्रदान करता है।
ओमान में ईवाई के टैक्स पार्टनर अल्केश जोशी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें और इसमें भारत-ओमान के बीच एफटीए पर मोहर लगने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी के दौरे का हम सभी काफी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दौरे पर फोकस भारत-ओमान के बीच एफटीए पर होगा और इसे लेकर ओमान में भी काफी चर्चा है। मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.5 अरब डॉलर का है। जैसे ही यह एग्रीमेंट अमल में आएगा, दोनों देशों के बीच व्यापार अगले दो से तीन वर्षों में दोगुना हो सकता है और इसमें दोनों पक्षों के व्यापारियों को मौका मिलेगा।”


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