हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ने राज्य सरकार के नशा-विरोधी अभियान को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि बोर्ड के कर्मचारी और पंजीकृत श्रमिक राज्य में ‘चिट्टा’ के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि जिला अधिकारियों और कर्मचारियों सहित सभी कर्मचारियों ने ‘चिट्टा’ की लत को जड़ से खत्म करने की शपथ ली है और नशा मुक्त रहने, समाज में जागरूकता फैलाने और हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है।
कंवर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य हिमाचल प्रदेश को ‘चिट्टा’ और अन्य सभी नशीले पदार्थों से मुक्त करना है। यह अभियान युवाओं के भविष्य के प्रति मुख्यमंत्री की गहरी चिंता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री इस अभियान को सफल बनाने के लिए विशाल रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। जनता की व्यापक भागीदारी ‘चिट्टा-मुक्त हिमाचल’ आंदोलन की सफलता का प्रमाण है।”
उन्होंने कहा, “राज्य को ‘चिट्टा’ और अन्य नशीले पदार्थों से मुक्त करना हमारा कर्तव्य है। हमें जागरूकता फैलानी चाहिए, ईमानदारी से योगदान देना चाहिए और नशीले पदार्थों के खतरे को खत्म करने के लिए अथक प्रयास करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “बोर्ड राज्य के कस्बों और गांवों में निर्माण श्रमिकों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने और उन्हें चिट्टा के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करने की योजना बना रहा है।”


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