उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़कर लगातार विस्तार कर रहा है और उभरते और उच्च विकास वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर खुद को भविष्य के लिए तैयार राज्य के रूप में स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा, “औद्योगीकरण को गति देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने हरित गतिशीलता, रक्षा विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इलेक्ट्रॉनिक चिप्स और डेटा केंद्रों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में पहचाना है।”
मंत्री ने कहा कि सरकार की दीर्घकालिक रणनीति औद्योगिक विकास के साथ-साथ सतत विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है। हरित गतिशीलता के महत्व पर जोर देते हुए चौहान ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित घटकों में निवेश से पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के हरित औद्योगिक केंद्र बनने के दृष्टिकोण को बल मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश के सुस्थापित दवा उद्योग को उन्नत और अनुसंधान आधारित निवेशों के माध्यम से और अधिक गति मिलने की उम्मीद है। एआई, इलेक्ट्रॉनिक चिप्स और डेटा केंद्रों पर प्रकाश डालते हुए चौहान ने कहा कि ये क्षेत्र राज्य को डिजिटल इंडिया के मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान प्रदान करेंगे और साथ ही युवाओं के लिए उच्च कौशल वाले रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगे।
मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के नीतिगत ढांचे, कुशल मानव संसाधन और भौगोलिक लाभों का उपयोग करते हुए एक मजबूत निवेश रणनीति बनाने के लिए प्रमुख उद्योगपतियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है।


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