December 25, 2025
National

सिंहावलोकन 2025: वे नए चेहरे जिन्होंने सत्ता के गलियारों में मचाई हलचल

In Retrospect 2025: The new faces who have shaken up the corridors of power

साल 2025 खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। देश की राजनीति के लिए ये साल कई मायनों में खास रहा, जिसमें उपराष्ट्रपति, राज्यसभा सहित कई राज्य विधानसभाओं और कई उपचुनावों के चुनाव हुए। इस वर्ष में कई नए चेहरों ने राजनीति में प्रवेश किया, जिन्होंने अपनी पहचान, पेशे या पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण सबका खासा ध्यान खींचा है।

आइए जानते हैं 2025 में राजनीति में कदम रखने वाले पांच सबसे चर्चित नए चेहरों के बारे में।

मैथिली ठाकुर मशहूर लोक गायिका के रूप में देशभर में पहचान बना चुकी है। मैथिली ठाकुर ने वर्ष 2025 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर अलीनगर चुनाव लड़ा और 11 हजार से अधिक वोटों से जीत भी हासिल की। कला और संस्कृति की दुनिया से राजनीति में आईं मैथिली ठाकुर को युवा वर्ग और सांस्कृतिक पहचान के कारण खास समर्थन मिला। ​​इस जीत के साथ, वह इस वर्ष की 25 साल की युवा विधायक चुनी गई है।

वहीं, एक और चर्चित चेहरे के तौर पर भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव रहे, जिन्होंने मनोरंजन जगत में बड़ी लोकप्रियता हासिल करने के बाद वर्ष 2025 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। चुनावी मैदान में उतरते ही वे खूब सुर्खियों में रहे। इन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के टिकट पर बिहार विधानसभा चुनाव में छपरा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इन्हें 7 से 8 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा है।

तीसरा सबसे चर्चित नाम जेपी सिंह हैं। ये पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे हैं और सरकारी सेवा छोड़कर 2025 में राजनीति का रास्ता चुना था। उन्होंने बिहार की राजनीति में कदम रखा और जन सुराज पार्टी के बैनर तले छपरा से चुनाव लड़ा लेकिन 83 हजार से अधिक वोटों से हार गए। भले ही उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत आसान न रही हो, लेकिन एक ईमानदार और सख्त अधिकारी की छवि के कारण वे चर्चा में बने रहे।

सबसे नए चेहरे के रूप में सौरभ थपलियाल सामने आए हैं। उन्होंने जनवरी 2025 में देहरादून नगर निगम चुनाव जीतकर मेयर का पद संभाला। यह उनका पहला बड़ा राजनीतिक चुनाव था। उन्होंने लगभग 1 लाख से अधिक वोट से जीत दर्ज की। सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी जीत ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि उन्होंने शहर के नगरपालिका चुनावों में अब तक का सबसे बड़ा अंतर हासिल किया। शहरी विकास, प्रशासनिक पारदर्शिता और युवाओं की भागीदारी जैसे मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया था।

ऐसे ही, हरीश खुराना ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार चुनाव लड़ा और लगभग 12 हजार से अधिक वोटों से जीतकर विधायक बने। ये अपने दिवंगत पिता, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना की विरासत को आगे बढ़ाते रहे हैं। इन्होंने भाजपा के टिकट पर मोती नगर निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पहली जीत हासिल की है। इसी के साथ इन्होंने दिल्ली की राजनीति में पीढ़ीगत बदलाव के रूप में देखा गया।

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