शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने आज छात्रों को समर्पण और दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और इस बात पर जोर दिया कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी हैं।
उन्होंने दावा किया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है, जिसके तहत रोजगारोन्मुखी शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के टैगोर सभागार में आयोजित एक आदर्श विद्यालय के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि नई नीति केवल अकादमिक डिग्री प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में काम करती है।
मंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन हरियाणा ने इसे 2025 में ही पूरी तरह से लागू कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य केवल बच्चों को शिक्षित करना नहीं है, बल्कि उन्हें कुशल बनाना और उद्यमिता की शिक्षा देना भी है, ताकि छात्र नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनें।”
ढांडा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र और वैश्विक नेता बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक प्रौद्योगिकी और मूल्य आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। शिक्षण संस्थानों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को मजबूत किया गया है।” विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अरुणा तनेजा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुल 11 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि 40 से अधिक छात्रों में वितरित की गई। इसके अतिरिक्त, 84 छात्रों को रजत पदक से सम्मानित किया गया, जबकि अन्य छात्रों को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिए गए। छात्रों ने इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।


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