December 27, 2025
National

यादों में शेख: जब ‘उमराव जान’ रोमांटिक सीन शूट के दौरान हुआ था हंगामा, ‘नवाब’ ने सुनाया मजेदार किस्सा

Sheikh in memories: When there was a commotion during the shoot of ‘Umrao Jaan’ romantic scene, ‘Nawab’ tells a funny story

दिवंगत अभिनेता फारुख शेख सिनेमा के नायाब सितारे थे, जिन्होंने अपनी सहज अभिनय शैली से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने पर्दे पर निभाए अपने हर एक किरदार को बखूबी गढ़ा। ‘उमराव जान’ में ‘नवाब’ हों या ‘बाजार’ का ‘सरजू’ दर्शक उनकी एक्टिंग को बस देखते ही रह जाते।

‘गरम हवा’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘किसी से न कहना’ और ‘उमराव जान’ में फारुख शेख के किरदार आज भी याद किए जाते हैं। शानदार अभिनय के साथ ही उनकी फिल्मों से जुड़े किस्से भी हैं। ऐसा ही एक मजेदार किस्सा है साल 1981 में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘उमराव जान’ से जुड़ा, जिसे उन्होंने एक इंटरव्यू में साझा किया था। 28 दिसंबर को दिवंगत अभिनेता की पुण्यतिथि है।

मुजफ्फर अली निर्देशित क्लासिक ‘उमराव जान’ में नवाब सुल्तान का रोल फारुख शेख के करियर का मील का पत्थर साबित हुआ। इस फिल्म से जुड़ा एक मजेदार लेकिन डरावना किस्सा खुद फारुख शेख ने एक इंटरव्यू में सुनाया था।

फारुख शेख ने बताया था, “‘उमराव जान’ में एक खूबसूरत रोमांटिक सीन था, जिसमें उमराव (रेखा) और नवाब सुल्तान (फारुख) एक शाम को खूबसूरत सीन वाली जगह पर मिलते हैं। यह सीन लखनऊ के पास मलीहाबाद में एक निजी मकान में शूट हो रहा था। उस समय रेखा सुपरस्टार थीं, इसलिए शूटिंग साइट पर भीड़ जमा हो जाती थी। गांव में खबर फैल गई कि रेखा और फारुख का रोमांटिक सीन शूट हो रहा है। लोगों को लगा कि ‘फारुख की तो निकल पड़ी’, यानी वह इतनी खूबसूरत अभिनेत्री के साथ रोमांस कर रहे हैं, मगर हकीकत इसके ठीक उलट थी।”

फारुख ने हंसते हुए आगे बताया था, “लोगों को लगता था कि यार, रोमांटिक कमरा, वहां खूबसूरत रेखा, तो फारुख की तो लॉटरी लग गई, लेकिन हालात उससे बिल्कुल अलग थे। मैं, निर्देशक मुजफ्फर अली, पूरी फिल्म यूनिट और रेखा सभी टेंशन में थे। वजह थी गांव वालों की उत्सुकता। मकान के कमरे छोटे-छोटे थे, लेकिन ग्रामीण उस रोमांटिक सीन को किसी भी तरह देखना चाहते थे। कोई खिड़की से झांकने की कोशिश करता, कोई दरवाजे के पास चिपक जाता। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि लोगों को टालने के लिए कभी कहा जाता कि सीन कल शूट होगा, कभी दूसरे समय, लेकिन उतावले ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे।”

फारुख शेख ने बताया, “यहां तक कि गोली चलने की नौबत आ गई थी। कुछ लोगों ने बंदूकें तक निकाल लीं। उस तनाव भरे माहौल में भी हमने सीन को बेहतरीन तरीके से निभाया। स्क्रीन पर नवाब सुल्तान उमराव पर प्यार लुटाते नजर आते हैं, जबकि असल में पूरी टीम डरी हुई थी।

फारुख शेख का 28 दिसंबर 2013 को दुबई में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वह समानांतर सिनेमा के नायाब सितारे थे, जिन्होंने ‘गरम हवा’ से डेब्यू किया और अपनी हर एक फिल्म के जरिए खास छाप छोड़ी। फारुख शेख ने टीवी पर ‘जीना इसी का नाम है’ जैसे शो होस्ट किए। वह थिएटर में भी सक्रिय रहे।

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