मार्च , लंदन में दो किशोरों को 16 वर्षीय एक सिख लड़के की हत्या करने का दोषी पाया गया है। उन्होंने गलती से सिख लड़के को एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह का सदस्य माना था। हिलिंगडन के 18 वर्षीय वनुशन बालकृष्णन और इलियास सुलेमान, सोमवार को ओल्ड बेली में रिश्मीत सिंह की हत्या के दोषी पाए गए।
अफगानिस्तान से शरण लेने के लिए अपनी मां और दादी के साथ अक्टूबर 2019 में ब्रिटेन आए रिश्मीत को गलती से निशाना बनाया गया और जमीन पर गिराकर 15 बार वार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई।
पीड़ित की मां गुलिंदर ने एक बयान में कहा, “मैंने अपने पति को पहले ही खो दिया था और अब मैंने अपना इकलौता बच्चा, अपने बेटे को भी खो दिया। अंतत: रिश्मीत को न्याय मिला लेकिन उनकी सजा मेरे लिए कभी भी काफी नहीं होगी। उन्होंने मुझसे मेरी पूरी जिंदगी छीन ली है। रिश्मीत कभी घर लौट कर नहीं आएगा।”
अदालत ने सुना कि 24 नवंबर 2021 की रात, रिश्मीत घर जा रहा था, जब उसने दो अज्ञात लोगों को अपनी ओर आते देखा।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, वह साउथहॉल में रैले रोड की ओर भाग गया, जहां वह लड़खड़ाकर गिर गया।
उसका पीछा करने वालों में से एक ने उसकी पीठ में कम से कम पांच बार चाकू से वार किया और दूसरे ने उसे कम से कम 10 बार वार किया।
पुलिस ने कहा कि उसके हमलावर उसे खून से लथपथ और घायल शरीर को जमीन पर छोड़कर भाग गए।
वहां से गुजरने वाले में से एक ने 999 कॉल की, उसके बाद अधिकारी और लंदन एम्बुलेंस सेवा घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन रिश्मीत की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।
बालाकृष्णन को 2 दिसंबर, 2021 को उसके घर से हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया था, सुलेमान को 9 दिसंबर को एडगवेयर के एक पते से गिरफ्तार किया गया था।
इस जोड़ी को 28 अप्रैल, 2023 को ओल्ड बेली में सजा सुनाई जाएगी।
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