October 2, 2024
Punjab

अकाल तख्त के जत्थेदार ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा

चंडीगढ़, 25 मार्च

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शनिवार को भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और जांच में सहयोग करने को कहा।

अकाल तख्त (सिखों की सर्वोच्च अस्थायी सीट) के जत्थेदार ने भी पुलिस की क्षमता पर सवाल उठाया, आश्चर्य हुआ कि इतनी बड़ी ताकत होने के बावजूद वे स्वयंभू सिख उपदेशक को क्यों नहीं पकड़ पाए हैं।

जत्थेदार ने कहा, “अगर अमृतपाल (पुलिस की गिरफ्त से) बाहर है, तो मैं उसे (पुलिस के सामने) पेश होने और (पुलिस) जांच में सहयोग करने के लिए कहूंगा।”

सिंह की यह टिप्पणी अमृतपाल सिंह और उनके नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब डे’ के तत्वों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के मद्देनजर आई है।

अमृतपाल 18 मार्च से फरार है, जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी।

कई तस्वीरों और वीडियो में उसे पुलिस को चकमा देने के लिए कई वाहन ले जाते हुए दिखाया गया है।

जालंधर जिले में उनके काफिले को रोके जाने पर उपदेशक ने खुद पुलिस को चकमा दे दिया और पुलिस के जाल से बच गया। उसका ठिकाना अभी भी अज्ञात है।

पंजाब सरकार ने उनके और उनके कुछ साथियों के खिलाफ सख्त से सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया है।

जत्थेदार ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया भर में रहने वाले हर सिख के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य में भारी पुलिस बल होने के बावजूद अमृतपाल को कैसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।

सिंह ने कहा कि अगर उपदेशक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है तो पुलिस को ऐसा कहना चाहिए।

भगोड़े के माता-पिता ने पहले आशंका व्यक्त की थी कि उनके बेटे को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है।

उन्होंने पुलिस से यह भी ध्यान रखने को कहा कि अमृतपाल मामले में पकड़े गए सिख युवकों ने उतने बड़े अपराध नहीं किए हैं जितने कि किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

अमृतपाल और उसके कई साथियों पर पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं।

अकाल तख्त जत्थेदार ने पंजाब की स्थिति पर चर्चा करने के लिए लगभग 60 से 70 सिख संगठनों, मदरसों और निहंग संगठनों की एक विशेष सभा भी बुलाई है। राजनीतिक संगठनों के किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया है।

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