यमुनानगर, 9 मई
एक राष्ट्रीयकृत बैंक को यमुनानगर जिले के एक व्यक्ति को दंडात्मक क्षति के रूप में 2 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, यमुनानगर के अध्यक्ष गुलाब सिंह, महिला सदस्य गीता प्रकाश और सदस्य जसविंदर सिंह ने 28 अप्रैल को जिले के तुगलपुर गांव के राजेंद्र कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का फैसला करते हुए यह आदेश पारित किया
राजेंद्र कुमार ने 2018 में अपनी व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए 7 लाख रुपये के ऋण की मंजूरी के लिए यमुनानगर जिले में बैंक की शाखा में एक आवेदन दायर किया था।
बैंक ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया। बैंक के प्रबंधक ने 26 जून, 2018 को छछरौली तहसीलदार को पत्र लिखकर शिकायतकर्ता की भूमि के बंधक विलेख को दर्ज करने के लिए ऋण की संपार्श्विक सुरक्षा के रूप में रखने पर सहमति व्यक्त की।
बैंक के प्राधिकार के फलस्वरूप 26 जून, 2018 को तहसीलदार, छछरौली द्वारा एक “रपट” (दैनिक डायरी प्रविष्टि) दर्ज की गई, जिसमें बिना कब्जे वाली 150 वर्ग गज भूमि को गिरवी रखने की प्रविष्टि दर्शाई गई थी। बैंक की 7 लाख रुपये और “रपट” की प्रविष्टि भी “जमाबंदी” में दिखाई दी।
हालांकि, बाद में बैंक ने शिकायतकर्ता के पक्ष में 7 लाख रुपये के ऋण की स्वीकृत राशि को इस आधार पर जारी करने से इनकार कर दिया कि उसका क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) स्कोर अच्छा नहीं था।
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