September 20, 2024
National

बुनियादी साक्षरता तक व्यापक पहुंच की सुविधा के लिए उल्लास मोबाइल ऐप लॉन्च

नई दिल्ली, बुनियादी साक्षरता तक व्यापक पहुंच की सुविधा के लिए रविवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में उल्लास (अंडरस्टैंडिंग लाइफलॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी) मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की तीसरी वर्षगांठ पर भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2023 का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत मंडपम में लोगो, नारा ‘जन जन साक्षर’ और उल्लास का मोबाइल एप्लिकेशन : नव भारत साक्षरता कार्यक्रम लॉन्च किया।

इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि उल्लास मोबाइल एप्लिकेशन बुनियादी साक्षरता तक व्यापक पहुंच की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी की क्षमता का उपयोग करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

मंत्री ने कहा, यह उपयोगकर्ता के अनुकूल और इंटरैक्टिव ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है और एनसीईआरटी के दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शिक्षार्थियों के लिए विविध शिक्षण संसाधनों में संलग्न होने के लिए एक डिजिटल गेटवे के रूप में काम करेगा।

उन्होंने कहा कि उल्लास ऐप का उपयोग स्वयं-पंजीकरण या सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा शिक्षार्थियों और स्वयंसेवकों के पंजीकरण के लिए किया जा सकता है।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उल्लास देश के राष्ट्र निर्माण में शामिल होने के लिए कार्यात्मक साक्षरता, व्यावसायिक कौशल और वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता और नागरिकों के सशक्तिकरण जैसे कई महत्वपूर्ण जीवन कौशल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

प्रधान ने कहा, यह भारत भर के समुदायों में निरंतर सीखने और ज्ञान साझा करने की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, उल्लास पहल एक सीखने के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर पूरे देश में शिक्षा और साक्षरता में क्रांति लाने के लिए तैयार है, जो हर व्यक्ति तक पहुंचता है, बुनियादी साक्षरता और महत्वपूर्ण जीवन कौशल में अंतर को पाटता है।

यह 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन नागरिकों को बुनियादी शिक्षा, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता और महत्वपूर्ण जीवन कौशल प्रदान करता है, जो स्कूल जाने का अवसर खो चुके हैं। मंत्रालय ने कहा, इसे स्वैच्छिकता के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह योजना स्वयंसेवकों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में ‘कर्तव्य’ या ‘कर्तव्य बोध’ के रूप में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी और छात्र स्वयंसेवकों को स्कूलों और विश्‍वविद्यालय में क्रेडिट और प्रमाणपत्र, प्रशंसापत्र, अभिनंदन पत्र के लिए प्रोत्साहित करेगी।

Leave feedback about this

  • Service