चंडीगढ़, 7 सितंबर
चंडीगढ़ कॉमन कैडर इंप्लाइज यूनियन के सदस्यों ने 700 ग्रेजुएट क्लर्कों और स्टेनो-टाइपिस्टों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है।
यूटी प्रशासक बनवारील पुरोहित को लिखे पत्र में यूनियन ने कहा कि प्रशासन उन्हें केंद्रीय पैटर्न पर 2800 जीपी की तकनीकी योग्यता स्तर के साथ स्नातक के वास्तविक वेतन के बजाय पंजाब पैटर्न पर 1900 ग्रेड वेतन (जीपी) का स्केल दे रहा है।
इसमें कहा गया है कि यूटी के गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अप्रैल, 2022 से प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियमों को लागू करने की घोषणा की थी और कर्मचारियों को केंद्रीय सिविल सेवा नियमों का अधिक लाभ दिया जाना था। लेकिन इसने क्लर्कों और स्टेनो-टाइपिस्टों की योग्यता और तकनीकी ज्ञान को नजरअंदाज कर उन्हें 1900 जीपी (लेवल-2) का वेतनमान दे दिया। उन्हें स्नातक और तकनीकी योग्यता के आधार पर भर्ती किया गया था और वे न्यूनतम 2800 जीपी के वेतनमान के लिए पात्र थे।
इसमें अनुरोध किया गया कि उन्हें वास्तविक योग्य वेतनमान बहाल किया जाए।
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