लखनऊ, 15 नवंबर । सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय अपने संघर्ष काल में गोरखपुर की सड़को पर लमरेटा स्कूटर से घूमते देखे जाते थे। उन्होंने पैदल से बादशाह का सफर तय किया।
गोरखपुर के रहने वाले प्रसिद्ध उद्यमी प्रमोद टेकरीवाल ने बताया कि एक समय सुब्रत राय काम की तलाश में काफी परेशान थे। काफी संघर्ष के बाद उन्हें एक मराठी कंपनी सहारा की फ्रेंचाइजी ले ली। इनके पिता शुगर मिल में केमिस्ट थे। मिल के लोगों ने दस दस रुपए के खाते खुलवाए, धीरे धीरे ग्रोथ होती गई।
फिर वह लखनऊ पहुंच गए। बाद में उन्होंने कंपनी टेकओवर कर ली। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रमोद ने बताया कि सुब्रत राय की लंबाई अधिक होने के कारण वह अपने स्कूटर में एक पैर मोड़कर चलाते देखे जाते थे। एक अन्य व्यवसायी ने बताया कि शुरुआती दौर में उनका परिवार गोरखपुर के तुर्कमानपुर में गांधी आश्रम के पास किराए के मकान में रहता था।
पिता के गोरखपुर से लौटने के बाद भी सुब्रत राय ने शहर नहीं छोड़ा और बेतियाहाता में किराए पर कमरा लेकर रहने लगे। उस दौरान ही सुब्रत राय ने चिट फंड का कारोबार शुरू किया था। 100 में 20 रुपये जमा कराया, कालेज और विश्वविद्यालय में छात्रों को पहले एक रुपये बचत की आदत डलवाई। यह स्कीम सफल हुई तो दिहाड़ी कमाने वाले लोगों में पैठ बनाई।
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। सुब्रत रॉय ने अपने करियर की यात्रा गोरखपुर के सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा के साथ शुरू की। 1976 में संघर्षरत चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर में व्यवसाय में कदम रखा।
1978 तक उन्होंने इसे सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत की सबसे बड़ी समूहों की कंपनी में से एक बन गई।
उनके निधन पर तमाम राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि सहारा समूह के प्रमुख श्री सुब्रत रॉय जी का निधन अत्यंत दुःखद है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा कि सहारा श्री सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति है। वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की, उनका सहारा बने। भावभीनी श्रद्धांजलि।
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। कंपनी की तरफ से जानकारी दी गई है। रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया। हालांकि वह एक बड़े विवाद के केंद्र में भी रहे और उन्हें अपने समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा।
कंपनी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बयान के अनुसार, उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया।
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