गाजियाबाद, 16 नवंबर । गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में जल संकट इतना ज्यादा बढ़ गया है कि तीन लोग छह दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अब आंदोलन शुरू हो गया है। आंदोलन खोड़ा इलाके से अब नेशनल हाईवे तक भी पहुंच गया है। भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की मांग है कि उन्हें पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी, वे भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। आसपास के लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने सरकार से पानी के लिए गुहार लगाई है।
दरअसल, ये इलाका दिल्ली से महज 10 मिनट की दूरी पर स्थित है। यहां भूजल 500 फीट से भी नीचे पहुंच चुका है। बोरिंग करने पर रोक लगी हुई है। 12 लाख की आबादी वाला इलाका आज भी टैंकरों और डिब्बाबंद पानी के सहारे जीने को मजबूर है। हर चुनाव में यह समस्या बड़ा मुद्दा बनती है और चुनाव बीतते ही शांत हो जाती है।
अब, लोकसभा चुनाव नजदीक है। लोग इस उम्मीद में अनशन पर बैठे हैं कि शायद वोटों की खातिर हुक्मरान कुछ सुन लें। कस्बा खोड़ा में भूख हड़ताल 9 नवंबर से चल रहा है। लोगों का कहना है कि पेयजल चाहिए, इसके बाद ही वो यहां से उठेंगे।
मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के बाएं तरफ कस्बा खोड़ा पड़ता है। यह करीब 14 किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। गाजियाबाद जिले की नगर पंचायत खोड़ा के एक तरफ नोएडा और दूसरी तरफ दिल्ली बसा हुआ है। खोड़ा का कुछ इलाका हिंडन नदी के खादर क्षेत्र से भी सटा हुआ है। पिछले पांच साल में यहां का भूजल स्तर 500 फीट नीचे तक पहुंच गया है। इसे देखते हुए सरकार ने ये इलाका डार्क जोन में घोषित किया हुआ है, जिस वजह से यहां नए बोरिंग करने पर रोक लगी हुई है। जो पुराने नलकूप या नल हैं, उनमें भी साफ पानी नहीं आता।
खोड़ा में हर घर में नल नहीं है और सार्वजनिक हैंडपंप बेहद कम हैं। पानी भरने के लिए लाइन लगती है। पेयजल के अस्थायी समाधान के लिए खोड़ा नगर पालिका ने पिछले दिनों 70 टैंकर खरीदे थे। 5 अप्रैल 2023 को केंद्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद जनरल वीके सिंह ने इन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इन टैंकरों से सुबह-शाम दो वक्त गंगाजल आपूर्ति हो रही है। प्रत्येक परिवार को नियमित 200 लीटर पानी दिया जा रहा है। हालांकि, यह व्यवस्था बेहद बहुत कारगर नहीं है। उन परिवारों को दिक्कत ज्यादा होती है, जहां सदस्यों की संख्या ज्यादा है।
खोड़ा में गंगाजल आपूर्ति के लिए जल निगम ने कुछ महीनों पहले पीएफआर (प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट) बनाई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, खोड़ा में गंगाजल पहुंचाने के लिए दादरी (ग्रेटर नोएडा) के पास गंगनहर से पाइप लाइन के जरिए पानी लाना पड़ेगा। इसमें करीब 600 करोड़ रुपए की लागत बताई गई। ज्यादा बड़ा एस्टीमेट होने की वजह यह योजना अब तक परवान नहीं चढ़ पाई है। सालभर पहले इस इलाके के विधायक सुनील शर्मा भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। उन्होंने जल संकट के मामले में खोड़ा की तुलना लातूर से की थी।
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