शिमला, 21 नवंबर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज संबंधित अधिकारियों को नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के सभी लंबित राजस्व मामलों को 20 जनवरी, 2024 तक निपटाने के निर्देश दिए।
उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को म्यूटेशन के लंबित मामलों को मिशन मोड पर निपटाने को कहा. उन्होंने कहा, “नायब तहसीलदार से लेकर संभागीय आयुक्त तक प्रत्येक राजस्व अधिकारी को लंबित राजस्व मामलों की दैनिक आधार पर सुनवाई करनी चाहिए और उनका समय पर निपटान सुनिश्चित करना चाहिए।”
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 और 31 अक्टूबर को ‘इंतकाल अदालत’ आयोजित की और 41,907 लंबित मामलों में से 31,105 का निपटारा किया। लंबित नामांतरण एवं बंटवारा मामलों को प्राथमिकता पर निपटाने के लिए राज्य में 1 एवं 2 दिसंबर को राजस्व लोक अदालतें आयोजित की जाएंगी। राजस्व मंत्री 20 जनवरी 2024 से पहले पूरे राज्य में लंबित मामलों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निस्तारित मामलों की मासिक रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने का निर्देश दिया, जिसमें आवेदकों के नाम, पते और फोन नंबर और अन्य विवरण सारणीबद्ध रूप में शामिल हों। उन्होंने कहा, “उपायुक्तों को अपने जिलों में राजस्व अधिकारियों के साथ बैठकें करनी चाहिए और लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए।”
सुक्खू ने कहा कि राजस्व मामलों की सुनवाई की सभी तारीखें तीन दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए। कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए सरकार उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कानूनगो को नियुक्त करने की भी अनुमति देगी।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव राजस्व आरडी नाजिम ने बैठक में भाग लिया, जबकि उपायुक्त और मंडलायुक्त वर्चुअली शामिल हुए।
Leave feedback about this