कोलकाता, 12 जनवरी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के एक मंत्री, एक तृणमूल कांग्रेस विधायक और एमएलसी के आवासों पर छापेमारी और तलाशी अभियान जारी रखा। इसके तुरंत बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ दल के उन नेताओं को सलाह दी, जिनके आवासों पर छापे मारे गए थे, वे अपने बैग पर्याप्त ऊनी कपड़ों से पैक करना शुरू कर दें।
उन्होंने कहा, ”ईडी के अधिकारी विशिष्ट जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान में लगे हैं। राज्य अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बसु शहरी नागरिक निकाय के तत्कालीन उपाध्यक्ष के रूप में दमदम (दक्षिण) में भर्ती अनियमितताओं में सीधे तौर पर शामिल थे। यह मैं पहले भी कह चुका हूं और अब भी फिर कह रहा हूं।”
राज्य की वाणिज्य और उद्योग, महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा कि छापेमारी राजनीतिक प्रतिशोध का प्रतिबिंब थी। पश्चिम बंगाल के लोग जानते हैं कि कैसे भाजपा और केंद्र सरकार केवल राजनीतिक प्रतिशोध के इरादे से केंद्रीय एजेंसियों को खुला छोड़ रही है।
इस बीच ईडी की सुजीत बसु, तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस रॉय और सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षद सुबोध चक्रवर्ती के आवासों पर एक साथ छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू हुई। लगभग सात घंटे बीत चुके हैं, कार्रवाई अभी भी जारी है।
रिपोर्ट दर्ज होने तक इस बात का कोई संकेत नहीं था कि छापेमारी कब तक जारी रहेगी।
इसके अलावा, ईडी अधिकारियों की सुरक्षा में केंद्रीय सशस्त्र बल के पुलिसकर्मी, बिधाननगर सिटी पुलिस और कोलकाता पुलिस की बड़ी टुकड़ियों को भी आवासों के सामने तैनात किया गया है, ताकि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हुए हालिया हमले जैसी किसी भी घटना को रोका जा सके।
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