विजयवाड़ा, 18 जनवरी । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 206 फीट ऊंची प्रतिमा का शुक्रवार को विजयवाड़ा में अनावरण करेंगे।
अंबेडकर स्मृति वनम में 81 फीट ऊंचे आसन पर स्थापित 125 फीट ऊंची मूर्ति, दुनिया की सबसे ऊंची अंबेडकर प्रतिमा है।
यह प्रतिमा ऐतिहासिक स्वराज मैदान में स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री ने लोगों से प्रतिमा के अनावरण समारोह में स्वेच्छा से शामिल होने की भावनात्मक अपील की है।
उन्होंने इस प्रतिमा को सामाजिक न्याय की सबसे बड़ी मूर्ति बताया, जो न केवल राज्य बल्कि देश के ताज में एक बेहतरीन रत्न के रूप में स्थापित है।
भारतीय संविधान के निर्माता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि दूरदर्शी का आकाश जैैसा विराट व्यक्तित्व और सौ साल पहले व्यक्त किए गए उनके सुधार-उन्मुख विचार देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक इतिहास को प्रभावित और बदलते रहेंगे।
उन्होंने कहा,“प्रतिमा को बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्थापित किया गया है क्योंकि सरकार उनकी विचारधारा में पूर्ण विश्वास के साथ नवरत्नालु कल्याण योजनाओं को लागू कर रही है। डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा को उत्पीड़ित वर्गों के करीब ले जाते हुए अस्पृश्यता के खिलाफ विद्रोह किया। वह सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विशाल व्यक्तित्व एक सर्वशक्तिमान के रूप में संवैधानिक अधिकारों के माध्यम से हमारी रक्षा करने का काम करता है, प्रत्येक गांव में उनकी मूर्तियों की उपस्थिति एक प्रचुर प्रेरणा के रूप में कार्य करती हैंं, जो कमजोर वर्गों को निरंतर आत्मविश्वास, समर्थन और साहस प्रदान करती है।
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी डॉ. अंबेडकर का सम्मान करते हैं, क्योंकि उनकी विचारधारा 77 वर्षों में जाति, पंथ और धर्म के बावजूद दलितों और गरीबों के जीवन में आए बदलावों का स्रोत बनी हुई है।
उन्होंने आगे कहा, विजयवाड़ा में अंबेडकर प्रतिमा का अनावरण न केवल राज्य के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, बल्कि यह भविष्य में भी सैकड़ों वर्षों तक दूसरों को प्रेरित करता रहेगा।
उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह गरीबों को राजनीतिक सत्ता में स्थायी स्थान दिलाने में मदद करेगा, साथ ही हमें समाज में सुधार करते हुए सामंतवादी ताकतों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए मार्गदर्शन करेगा और हमें समाज की दिशा बदलने के लिए सामाजिक समानता की ओर मोड़ेगा।”
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