चेन्नई, 12 फरवरी। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ द्रमुक 16, 17 और 18 फरवरी को पूरे तमिलनाडु में सार्वजनिक बैठकें आयोजित करेगी।
वरिष्ठ नेता मई 2021 में सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे।
बैठकों का शीर्षक होगा, “अधिकारों को पुनः प्राप्त करने के लिए स्टालिन की आवाज़” और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य के लोगों के अधिकारों के लिए कैसे लड़ रही है।
डीएमके महासचिव एस. दुरईमुरुगन के अनुसार, बैठकों में “केंद्र में शत्रुतापूर्ण सरकार के बावजूद” विकास के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालेंगी।
तमिलनाडु के जल कार्य मंत्री दुरईमुरुगन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “द्रमुक राज्य के सभी 39 लोकसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू कर रहा है। इसमें जनता के अनुकूल स्टालिन सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि नेता चुनाव से पहले तमिलनाडु में खंडित विपक्ष और दिशाहीन अन्नाद्रमुक के बारे में बोलेंगे। दुरईमुरुगन ने आगे कहा कि द्रमुक अन्नाद्रमुक और उसके झूठे आख्यानों को बेनकाब करेगी।
डीएमके 2021 के विधानसभा चुनावों को दोहराने की योजना बना रही है, इसमें पार्टी ने स्टालिन के बयानों पर प्रकाश डाला कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी कैसे कार्य करेगी। तीन दिवसीय अभियान के दौरान, पार्टी इस बारे में बात करेगी कि स्टालिन ने 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान की गई अपनी अधिकांश प्रतिबद्धताओं को कैसे पूरा किया।
डीएमके के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस (एसपीए) ने 2019 में तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर जीत हासिल की थी। वर्तमान में, डीएमके इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और पार्टी 2019 के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और सभी सीटें जीतने का लक्ष्य बना रही है। तमिलनाडु की 39 सीटों के साथ-साथ निकटवर्ती पुदुचेरी की एकमात्र सीट जो वर्तमान में अन्नाद्रमुक के पास है।
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