November 6, 2024
National

आय से अधिक संपत्ति से जुड़े लोकपाल केस में शिबू सोरेन ने दिल्ली हाईकोर्ट के डबल बेंच में अपील की

रांची, 20 फरवरी । झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने आय से अधिक संपत्ति में लोकपाल की जांच से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की है। इस पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने 22 जनवरी को सोरेन की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने भारत के लोकपाल की ओर से उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती दी थी। सोरेन ने आय से अधिक संपत्ति को लेकर उन पर लगाए गए आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया था, लेकिन एकल पीठ ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि झारखंड के गोड्डा क्षेत्र के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से शिबू सोरेन और उनके परिजनों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल के समक्ष 5 अगस्त 2020 को दायर की गयी थी। इसमें कहा गया था कि सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से अर्जित राशि से अनेक संपत्तियां बनायी हैं। इनमें कई बेनामी आवासीय और कमर्शियल परिसंपत्तियां भी हैं।

इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल की फुल बेंच ने 15 सितंबर, 2020 को सीबीआई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले में पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।

सीबीआई ने मामले की जांच के बाद मार्च 2021 और उसके बाद 1 जुलाई 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था। इसके बाद सोरेन परिवार के सदस्यों से मिले जवाब के आलोक में सीबीआई ने अंतिम पीई रिपोर्ट बीते साल 29 जून को लोकपाल के यहां दाखिल की।

इसमें सीबीआई की ओर से कहा गया है कि सोरेन और परिवार के सदस्यों ने आय के ज्ञात और घोषित स्रोत से ज्यादा कई बेनामी संपत्तियां बनाई हैं। लोकपाल ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई की विस्तृत रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर यह पाया गया है कि इस मामले में धारा 20(3) के अंतर्गत प्रोसिडिंग शुरू की जानी चाहिए। इस सिलसिले में शिबू सोरेन को लोकपाल की ओर से नोटिस जारी किया गया था।

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