गुरूग्राम, 20 फरवरी नगर निगम, गुरुग्राम के एक क्षेत्रीय कराधान अधिकारी को कथित तौर पर मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में अनियमितताएं करने का दोषी पाया गया है।
इस योजना के तहत उन लोगों को मालिकाना हक दिया जाता है, जो शहरी नागरिक निकायों के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों द्वारा किराये, पट्टे या लाइसेंस शुल्क पर प्रबंधित भूमि, दुकान या घर पर 20 वर्षों से अधिक समय से काबिज हैं।
एमसी कमिश्नर डॉ. नरहरि सिंह बांगर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अनियमितता बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
उन्होंने कहा कि एमसी की विजिलेंस विंग द्वारा की गई जांच में कर्मचारी को प्रथम दृष्टया अनियमितताएं करने का दोषी पाया गया।
उन्होंने कहा, “मैंने सतर्कता विंग द्वारा की गई विस्तृत जांच का अध्ययन किया है और इसे आवश्यक विभागीय कार्रवाई के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशालय को भेज दिया है।”
उन्होंने कहा कि सतर्कता शाखा इस योजना के तहत अनियमितताएं करने में अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है
Leave feedback about this