बेंगलुरु, 22 फरवरी । कर्नाटक के आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के ढाई साल के कार्यकाल के चल रहे मुद्दे को कम करने की कोशिश की।
प्रियांक खड़गे ने कहा कि इस संबंध में चार लोगों के बीच चर्चा हुई है और ‘जो भी होगा, पार्टी आलाकमान फैसला लेगा।’
बता दें कि डी.के. सुरेश की टिप्पणी पर सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही।
कर्नाटक के मंत्री ने आगे कहा, “चाहे वह हों या नहीं, अन्य लोगों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। किसी को भी इस मामले पर बोलने का अधिकार नहीं है। यह आलाकमान का निर्णय होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “अभी तक हमारे सीएम सिद्दारमैया हैं। डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवकुमार हैं। हमने उनके नेतृत्व में चुनाव का सामना किया है और हम आगामी चुनाव का भी सामना करेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस 20 सीटें जीत रही है।”
जब खड़गे से पूछा गया कि अगर ढाई साल बाद शिवकुमार को सीएम बनाया जाएगा, तो क्या वह इसका स्वागत करेंगे? इस पर खड़गे ने कहा, “आप बिना वजह चीजों की कल्पना क्यों करते हैं? अब बजट महत्वपूर्ण है। चर्चा अच्छे बजट के बारे में होने दीजिए। पहले हमें लोकसभा चुनाव का सामना करने दीजिए और 20 सीटें जीतने दीजिए और बाद में हम देखेंगे।”
कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश ने दावा किया था कि उनके भाई और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके. शिवकुमार ढाई साल के बाद मुख्यमंत्री बनेंगे।
उनसे पूछा गया था कि क्या शिवकुमार की सीएम बनने की चाहत पूरी होगी?
सुरेश ने कहा, ”सपने देखना गलत नहीं है। मैं यह नहीं कहूंगा कि आप जो कह रहे हैं, वह झूठ है। सपनों को साकार होने के लिए समय की आवश्यकता होती है। परिवर्तन अपरिहार्य है और हमें धैर्य रखना चाहिए।”
सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच ढाई साल के कार्यकाल के लिए सत्ता-साझाकरण समझौते के बारे में पूछे जाने पर, सुरेश ने कहा, “आलाकमान ने इस मामले के संबंध में निर्णय लिया है। मैं अभी सार्वजनिक रूप से कुछ भी खुलासा नहीं करूंगा, लेकिन समय आ जाएगा।”
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