कानपुर, 27 फरवरी । भारतीय थलसेना अध्यक्ष मनोज पांडेय ने मिसाइलों और गोला-बारूद में आत्मनिर्भरता की जरूरत पर जोर देते हुए यहां सोमवार को कहा, ‘‘इतने बड़े निवेश और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी बनाने के लिए अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की इच्छा ने उपयोगकर्ताओं में रणनीतिक सैन्य आपूर्ति के लिए भारतीय निजी उद्योग पर निर्भर रहने का विश्वास जगाया है। यह परिसर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है।
थल सेनाध्यक्ष कानपुर स्थित अडाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के एम्यूनेशन और मिसाइल कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हाल की भू-राजनीतिक घटनाएं इस बात पर जोर देती हैं कि लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष की तैयारी के लिए आंतरिक स्रोतों से आयुध की विश्वसनीय आपूर्ति समय की सबसे महत्वपूर्ण मांग है। इतने बड़े निवेश और महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजीस को स्वदेशी बनाने के लिए अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस की यह पहल उपयोगकर्ताओं में रणनीतिक सैन्य आपूर्ति के लिए भारतीय निजी उद्योग पर विश्वास उत्पन्न करने का काम करेगी।
उन्होंने कहा, “यह परिसर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भता की दिशा में एक प्रमुख उपलब्धि है। भारत में सैन्य वस्तुओं को आत्मनिर्भर बनाने में निजी क्षेत्र काफी सहयोगी हो सकता है। भारतीय सेना और निजी क्षेत्र के लोगों के साथ काम करने से हम तेजी से आत्मनिर्भर दिशा की ओर बढ़ेंगे।”
मनोज पांडेय ने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। मेक इन इंडिया के अंतर्गत आज अत्याधुनिक हथियारों का निर्माण किया जा रहा है। देश की सुरक्षा को मजबूत करने का काम लगातार जारी है। इसमें कई तरह की चुनौतियां आती हैं, लेकिन हम इसे पूरा कर रहे हैं। भारतीय सेना हर स्तर पर मजबूती के साथ देश की सेवा और सुरक्षा कर रही है। आज रक्षा के क्षेत्र में कई प्रमुख लोग और समूह मैनुफैक्चरिंग कर रहे हैं। इससे सेना और सशक्त हो रही है।
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