नई दिल्ली, 7 मार्च । दिल्ली यूनिवर्सिटी के इनडोर स्टेडियम में ‘2047 तक विकसित भारत निर्माण के लक्ष्य’ के तहत विकसित भारत ब्रांड एम्बेसडर मुहिम के बैनर तले नारी शक्ति कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। महिला सशक्तीकरण पर आधारित इस कार्यक्रम में डीयू की छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं।
उनके अलावा कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर योगेश सिंह, यूनिवर्सिटी के डीन समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ वकील और आयोजक हितेश जैन के भाषण से हुई। उन्होंने सभागार में उपस्थित तमाम छात्राओं और अन्य लोगों से विकसित भारत का ब्रांड एम्बेसडर बनने के लिए नरेंद्र मोदी ऐप डाउनलोड करने और उसमें दिए जाने वाले विकसित भारत के कार्यक्रमों से जुड़ने की अपील की।
इसके बाद विकसित भारत को लेकर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का संदेश चलाया गया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के ही अन्य शिक्षा अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि विकसित भारत ब्रांड एम्बेसडर कैसे बनना है और इसके बाद क्या करना है। इसमें उन्होंने मुख्य रूप से भारत की संस्कृति और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील की।
डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने संसद से नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पास होने पर उपस्थित महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि स्पेस और आईटी में भारत शानदार प्रदर्शन कर रहा है और इनमें 33 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ छात्राओं का संवाद हुआ।
इस दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी पहली बार पीएम बने थे तो एक सेवक की तरह संसद की चौखट पर माथा टेका था। फिर उन्होंने देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया, बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी मंदिर में जाते ही उसका कोई सेवक साफ-सफाई का काम करता है। विकसित भारत का मतलब स्मृति ईरानी ने वहां मौजूद छात्राओं से भी पूछा साथ ही सामाजिक कार्यों में सक्रिय कई छात्राओं की शंकाओं का समाधान भी किया।
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