मुंबई, 9 मार्च । आगामी लोक सभा चुनावों में महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन आठ लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन से महाराष्ट्र के परिवर्तन को प्रमुख मुद्दा बनायेगा। गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी शामिल हैं।
महायुति का मानना है कि बुनियादी ढांचे के विकास से महाराष्ट्र को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके दो डिप्टी देवेंद्र फडणवीस तथा अजित पवार का तर्क है कि बुनियादी ढांचे के विकास से संपत्ति निर्माण, रोजगार सृजन, राजस्व संकलन, और खपत में वृद्धि होगी। इससे अंततः अर्थव्यवस्था में पैसा आयेगा जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में मेट्रो रेल, सड़कें, राजमार्ग, पुल और समुद्री लिंक, तटीय सड़कें, रेलवे नेटवर्क और हवाई अड्डों का उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण शामिल हैं।
सरकार ने सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे, रेलवे, मेट्रो और बिजली जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करने के लिए महाराष्ट्र राज्य बुनियादी ढांचा विकास निगम का गठन किया है।
महायुति का ध्यान 2030 तक मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को आक्रामक रूप से 300 अरब डॉलर तक पहुंचाने पर भी है। गठबंधन का मानना है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन के साथ यह एक हासिल करने योग्य लक्ष्य है।
महायुति ने आर्थिक वृद्धि और विभिन्न जिलों के विकास को गति देने के लिए 701 किमी लंबे मुंबई नागपुर समृद्धि मार्ग और 21.8 किमी लंबे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) को गेम चेंजर के रूप में चालू करने की योजना बनाई है। 701 किमी में से, 625 किमी समृद्धि मार्ग वर्तमान में वाहनों के आवागमन के लिए खुला है और इसके पूरा होने के बाद यह राजमार्ग 10 जिलों में विकास केंद्रों, कृषि और कृषि-आधारित उद्योगों, विनिर्माण और सेवाओं इकाइयाँ के विकास के लिए कई अवसर खोलेगा।
दूसरी ओर, सरकार का मानना है कि एमटीएचएल नवी मुंबई और रायगढ़ जिले को रियल्टी, आतिथ्य, विनिर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों के अलावा डेटा सेंटर और आईटी तथा आईटीईएस उद्योग के लिए नया केंद्र बनाएगी।
कुल 12 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली मुंबई तटीय सड़क परियोजना से यातायात कम होने और ध्वनि तथा वायु प्रदूषण में गिरावट के कारण यात्रा सुचारू होने की उम्मीद है। आगामी 11 मार्च को 10.58 किमी की एक लेन खोली जाएगी। लेन के दोनों ओर सड़कों की संख्या आठ-आठ (सुरंग में छह) है। सरकार को उम्मीद है कि कोस्टल रोड के कारण 70 फीसदी समय और 34 फीसदी ईंधन की बचत होगी।
इसके अलावा, महायुति मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में 337 किलोमीटर लंबे मेट्रो नेटवर्क के पूरा होने पर भरोसा कर रही है। वर्तमान में, 46 किलोमीटर का मार्ग चालू है। सरकार एक साथ पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और नागपुर में मेट्रो नेटवर्क को आगे बढ़ा रही है।
जहां तक सड़क विकास का सवाल है, सरकार एशियाई विकास बैंक की सहायता से 451 किलोमीटर लंबी सड़क का विकास कर रही है, जबकि दूसरे चरण में 468 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। नाबार्ड ऋण सहायता योजना के तहत, 2,470 किलोमीटर सड़कों में सुधार किया गया है और 731 पुलों का निर्माण पूरा किया गया है। हाइब्रिड एन्यूटी प्रोजेक्ट के तहत 6,700 किमी लंबी सड़क का काम पूरा हो चुका है।
रेलवे के मामले में, सरकार ने जालना जलगांव नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के लिए 3,552 करोड़ रुपये और नांदेड़-बीदर नई रेलवे परियोजना के लिए राज्य सरकार के हिस्से के रूप में 750 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
सरकार को उम्मीद है कि प्रति वर्ष दो करोड़ यात्रियों को सँभालने की क्षमता के साथ नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले दो चरण मार्च 2025 में चालू हो जाएंगे। एक बार सभी चरणों का काम पूरा हो जाने पर यह सालाना नौ करोड़ यात्रियों की आवाजाही को हैंडल कर सकेगा।
इसके अलावा, महायुति ने पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों स्रोतों के माध्यम से बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन और नेट ज़ीरो एजेंडे के मद्देनजर राज्य संचालित महाजेनको ने सात मेगावाट से 300 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ आठ हजार मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की योजना बनाई है।
Leave feedback about this