मुंबई, 10 मार्च । शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (एसएस-यूबीटी) विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रवींद्र वायकर रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट में शामिल हो गए। वायकर के एसएस-यूबीटी छोड़ने के कदम को लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
जोगेश्वरी-पूर्व में उद्धव ठाकरे का स्वागत करने के ठीक एक दिन बाद उन्होंने पाला बदल लिया। वह महाराष्ट्र विधानसभा में इसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वायकर लक्जरी होटल निर्माण में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं। वित्तीय जांच एजेंसी इस संबंध में वायकर से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की शिकायत पर वायकर और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह अपने पहले के आदेश को वापस ले रहा है, जिसके तहत वायकर को जोगेश्वरी-पूर्व में पांच सितारा होटल बनाने की अनुमति रद्द कर दी गई थी, जिसके कुछ दिन बाद वायकर का इस्तीफा हुआ।
नागरिक निकाय ने कहा कि वह वायकर के प्रतिनिधित्व पर फिर से विचार करेगा। इससे वायकर को बड़ी राहत मिली और बीएमसी के इस कदम के तुरंत बाद मुंबई के राजनीतिक हलकों में उनके एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में जाने की अटकलें शुरू हो गईं।
हालांकि, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बाद वायकर ने पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर की मौजूदगी में कहा कि वह पहले ही जांच एजेंसियों को सहयोग दे चुके हैं और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने (जोगेश्वरी पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र में धन की कमी के कारण लंबित विकास कार्यों को पूरा करने के लिए सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को वायकर, उनके परिवार और उनके नेतृत्व वाले सेना गुट में शामिल हुए कई ‘शिवसैनिकों’ और पदाधिकारियों का स्वागत किया।
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