हैदराबाद, 26 मार्च । तेलंगाना फोन टैपिंग का मसला दिन ब दिन उलझता जा रहा है। उधर, भारत राष्ट्र समिति के नेता व पूर्व मिनिस्टर ई. दयाकर राव ने उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा है कि उन्होंने गैर-कानूनी तरीके से व्यापारी को हिरासत में लिया और 50 लाख रुपए की उगाही की।
इसके साथ ही उन्होंने फोन टैपिंग मामले में भी खुद के शामिल होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें अब तक तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने दावा किया कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि आखिर क्यों मुझे इस मामले में धकेला जा रहा है। मेरा फोन टैपिंग से कोई लेना-देना नहीं है।”
दयाकर राव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें नहीं पता कि चरण चौधरी कौन हैं।
उन्होंने दावा किया कि चरण चौधरी को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया। यही नहीं, उन पर एनआरआई से पैसा वसूल करने का भी आरोप है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि चौधरी ने अजय नाम के व्यक्ति के साथ भी ठगी की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह उन एनआरआई को जानते हैं जिनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
दयाकर राय ने कहा कि वह पिछले 40 सालों से राजनीति में हैं, लेकिन आज तक उन पर कोई भी आरोप नहीं लगे। उन्होंने प्रणीत राव से भी संबंध होने की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया। फोन टैपिंग मामले में स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) के निलंबित डीएसपी को गिरफ्तार किया गया है।
बीआरएस नेता ने दावा किया कि उनके दोस्तों पर पार्टी बदलने का दबाव डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मैं पार्टी नहीं बदलने वाला हूं, चाहे मुझ पर कोई कितना भी दबाव डाले।”
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि उनके ऊपर कोई दबाव नहीं था। वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के समय में उन पर पार्टी बदलने के लिए मामले दर्ज किए गए थे।
दयाकर राव का स्पष्टीकरण उन आरोपों की पुलिस द्वारा जारी जांच के बीच आया है कि पिछली बीआरएस सरकार ने तत्कालीन विपक्षी नेताओं के फोन टैप करने के लिए एसआईबी का दुरुपयोग किया था।
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