पुणे, 30 मार्च । महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के पूर्व विधायक विजय शिवतारे ने शनिवार को अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से परामर्श के बाद बारामती लोकसभा सीट से अपना नाम वापस ले लिया।
यह फैसला गुरुवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार के साथ-साथ वरिष्ठ शिव सेना नेता भरत गोगावले से सीएम के बंगले ‘वर्षा’ में मुलाकात के दो दिन बाद आया।
इसके बाद अपनी पार्टी समर्थकों की एक बैठक के बाद, शिवतारे ने निश्चिंत होकर घोषणा की कि “शीर्ष महायुति नेताओं द्वारा दिए गए आश्वासन के मद्देनजर उन्होंने बारामती लोकसभा की दौड़ में शामिल नहीं होने का फैसला किया है”।
शिवतारे ने कहा कि उनके इस कदम से कम से कम 10 लोकसभा सीटों पर महायुति की संभावनाएं प्रभावित हो सकती थीं, इसलिए उन्होंने चुनाव से बाहर होने का फैसला किया।
इससे पहले, शिवतारे ने 12 अप्रैल को दोपहर 12 बजे बारामती के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की धमकी दी थी और यहां तक कि “सुनेत्रा पवार को हराने की कसम भी खाई।”
बारामती की लड़ाई अब एनसीपी अध्यक्ष अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) की कार्यकारी अध्यक्ष और तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले के बीच तय है।
एनसीपी (सपा) सुप्रीमो शरद पवार की बेटी, सुप्रिया सुले सुनेत्रा पवार (उनकी “भाभी”) की “ननद” हैं और दोनों महिलाओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, जैसा कि हाल के दिनों में कई मौकों पर देखा गया है।
किसी का नाम लिए बिना अजित पवार ने बुधवार को संकेत दिया था कि एनसीपी आधिकारिक तौर पर एक-दो दिन में बारामती के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी, “और उम्मीदवार वही व्यक्ति होगा जो आपके दिमाग में है”।
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