पटना, 3 अप्रैल बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। सभी राजनीतिक दल अपने को बेहतर साबित करने के लिए एक दूसरे को आइना दिखाने से नहीं चूक रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा परिवारवाद बना हुआ है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर परिवारवाद को लेकर निशान साधा था, तो बुधवार को राजद ने एनडीए के परिवारवाद को ढूंढ निकाला। राजद ने कहा कि एनडीए में परिवारवाद के कारण कार्यकर्ता परेशान हैं।
राजद ने एनडीए को आइना दिखाते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “बिहार चुनाव में मोदी का परिवार एनडीए यानी भाजपा, जदयू, लोजपा का परिवारवाद सबसे अधिक, कार्यकर्ता परेशान।”
राजद ने पूरा ब्यौरा देते हुए आगे लिखा, “पटना साहिब से पूर्व मंत्री जनसंघ संस्थापक सदस्य ठाकुर प्रसाद के बेटे रविशंकर प्रसाद, सासाराम से पूर्व केंद्रीय मंत्री मुन्नी लाल के बेटे शिवेश राम, हाजीपुर से रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान, जमुई से रामविलास पासवान के दामाद अरुण भारती, समस्तीपुर से मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और पूर्व मंत्री स्व. महावीर चौधरी की पौत्री शांभवी चौधरी, शिवहर से पूर्व सांसद आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनंद।”
राजद ने इसके अलावा कई और नामों का उदाहरण देते हुए कई और प्रत्याशियों के नाम गिनाए हैं ।
इससे पहले मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य के सारण से चुनाव लड़ने को लेकर कहा था कि लालू की पहचान ही परिवारवाद की रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि लालू प्रसाद ने अपने दो बेटों और दो बेटियों को तो राजनीति में उतार दिया, लेकिन हमारी पांच बहनों को कब
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