कोलकाता, 11 अप्रैल । कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कर्मचारियों के खिलाफ पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक काउंटर एफआईआर के आधार पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। एजेंसी की टीम पर कथित तौर पर 6 अप्रैल को हमला किया गया था।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य पुलिस द्वारा एनआईए कर्मचारियों से की जाने वाली किसी भी पूछताछ की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और वह भी 62 घंटे पहले नोटिस देने के बाद।
याद दिला दें कि एनआईए की टीम पर 6 अप्रैल की सुबह हमला किया गया था। टीम जब दिसंबर 2022 में हुए विस्फोट के सिलसिले में दो स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद भूपतिनगर से लौट रही थी, उसी दौरान स्थानीय लोगों ने हमला किया था। विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
एनआईए द्वारा अपने कर्मचारियों पर हमले को लेकर भूपतिनगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद गिरफ्तार किए गए दो तृणमूल नेताओं में से एक के परिवार के सदस्यों ने केंद्रीय एजेंसी के कर्मचारियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक जवाबी एफआईआर दर्ज की थी।
मंगलवार को एनआईए ने काउंटर एफआईआर को चुनौती देते हुए न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ का दरवाजा खटखटाया। बुधवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने राज्य पुलिस को एनआईए अधिकारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को दक्षिण दिनाजपुर जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 2022 के भूपतिनगर विस्फोट मामले में आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया और कहा कि मामले की जांच कर रहे एनआईए अधिकारियों को फंसाने की कोशिश की गई।
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