नई दिल्ली, 6 मई । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डीएमके नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 मई तक के लिए टाल दी। उन्हें पिछले साल नकदी के बदले नौकरी घोटाले के आरोपों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश केंद्र के दूसरे सबसे बड़े कानून अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई गैर-विविध दिन पर करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि केस की सुनवाई में अधिक समय लगेगा। पीठ में न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां भी शामिल थे
गौरतलब है कि सोमवार और शुक्रवार के अलावा अन्य दिनों को सुप्रीम कोर्ट में गैर-विविध दिनों के रूप में गिना जाता है।
बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम ने पीठ को अवगत कराया कि डीएमके नेता पिछले साल जून से हिरासत में हैं।
पहले की सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के 28 फरवरी के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश की पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि भले ही बालाजी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन वह तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल के विधायक के रूप में बने हुए हैं और राज्य सरकार पर उनका प्रभाव कायम है।
बालाजी को पिछले साल जून में ईडी ने गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं।
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