तिरुवनंतपुरम, 6 मई । तिरुवनंतपुरम की एक अदालत ने सोमवार को केरल पुलिस को शहर की मेयर आर्या राजेंद्रन, उनके पति और विधायक के.एम. सचिन देव व अन्य पर एक बस चालक को अपना काम करने से रोकने और अन्य आरोपों के मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया।
अदालत ने यह आदेश राज्य के स्वामित्व वाले केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के एक अनुबंधित बस चालक एच.एल. यदु की याचिका के आधार पर दिया। यदु ने अपनी याचिका में जिन अन्य लोगों का नाम लिया है उनमें राजेंद्रन का भाई, उनकी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं।
यह उसी घटना पर दूसरा मामला है। पहला मामला शनिवार को एक वकील द्वारा दायर याचिका के आधार पर यहां एक अदालत द्वारा दर्ज किया गया था।
वकील की याचिका में राजेंद्रन, उनके विधायक पति और अन्य पर बस चालक को अपना काम करने से रोकने का आरोप लगाया गया था। वहीं यदु की याचिका में मेयर व उनके समर्थकों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाना और जबरन रोका जाना भी शामिल है।
यदु पिछले हफ्ते से ही सुर्खियों में हैं। यदु के अनुसार, जब वह अपने अंतिम गंतव्य से लगभग एक किलोमीटर दूर ट्रैफिक सिग्नल पर बस के साथ खड़े थे, तो मेयर की कार (निजी) बस के सामने रुकी। यदु ने मेयर और उनके परिवार के सदस्यों पर बस को आगे जाने से रोकने का आरोप लगाया।
लेकिन मेयर राजेंद्रन ने यदु पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि उसने उन्हें अश्लील इशारा किया। उन्होंने इस दावे से इनकार किया कि यदु ने ट्रैफिक सिग्नल पर बस को रोका था।
घटना के बाद, पुलिस ने कथित तौर पर यदु को लगभग 12 घंटे तक हिरासत में रखा। लेकिन वीडियो सामने आने के बाद पता चला कि मेयर द्वारा अपने बचाव में दिए गए अधिकांश बयान झूठे थे। यह मुद्दा अब तूल पकड़ चुका है और सोशल मीडिया पर एक प्रमुख विषय बन गया है।
मेयर ने अब साइबर विंग के समक्ष एक याचिका दायर की है। इसमें सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग द्वारा उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर ट्रोल करने की शिकायत की गई है
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