बद्दी सिविल अस्पताल में इलाज के इंतजार में एक चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। दो दिन से खांसी से पीड़ित बच्चे को उसके पिता बिपन कुमार सुबह करीब 2.45 बजे अस्पताल लेकर पहुंचे। कुमार के अनुसार, रात की ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बच्चे की जांच नहीं की और उसे बेहोशी की हालत में आराम करने को कहा। डॉक्टर ने कथित तौर पर कुमार को सुबह वापस आने को कहा।
कुमार ने दावा किया कि उन्होंने अपने बच्चे को अस्पताल ले जाने से पहले 5 मिली कफ सिरप दिया था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने बच्चे की जांच नहीं की और इसके बजाय उन्हें सुबह तक इंतजार करने को कहा।
कई घंटों तक इंतज़ार करने के बाद कुमार ने देखा कि उनका बच्चा बेहोश हो गया है। फिर उन्होंने एक ऑटो-रिक्शा लिया और अपने बच्चे को पीजीआई चंडीगढ़ ले जाने के लिए टैक्सी की तलाश शुरू कर दी। टैक्सी ड्राइवर राकेश कुमार ने आखिरकार उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
बद्दी के झाड़माजरी निवासी कुमार ने लापरवाही बरतने के आरोप में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर चौहान ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने खुद की चोट के कारण ड्यूटी रूम के अंदर बच्चे की जांच की थी। हालांकि, कुमार का बयान इस दावे का खंडन करता है।
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