पेरिस, प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा का एक अनूठा पहलू राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा उन्हें दिया गया समय और सम्मान है। यह दोनों नेताओं की बेहतर आपसी समझ और गहरी दोस्ती को दर्शाता है।
पीएम मोदी की यात्रा के पहले दिन राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से आयोजित रात्रिभोज में दोनों नेताओं ने बातचीत की। अगले दिन ‘एआई एक्शन समिट’ में भी यह सौहार्दपूर्ण माहौल जारी रहा। भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
अपने घनिष्ठ संबंधों को दर्शाते हुए दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस सीईओ फोरम की मेजबानी की, जो आर्थिक सहयोग के लिए उनके साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।
दोस्ती के एक असाधारण संकेत में, दोनों नेता एक संयुक्त काफिले में और एक ही विमान में मार्सिले पहुंचे। राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए मार्सिले में रात्रिभोज की मेजबानी की।
पीएम मोदी के लिए यूं तो सभी विश्व नेताओं ने सम्मान और महत्व दिखाया लेकिन जो निकटता और अपनापन मैक्रों ने दर्शाया उसका अन्य उदाहरण मिलना दुर्लभ है।
मैक्रों दरअसल पीएम मोदी के दौरे को लेकर खासे उत्साहित थे। प्रधानमंत्री मोदी के पेरिस पहुंचने से पहले एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी ‘तकनीकी संप्रभुता’ के लिए प्रयास करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की तरह हमारा भी दृढ़ विश्वास है कि भारत और फ्रांस दो महान शक्तियां हैं और हमारे बीच विशेष संबंध हैं। हम अमेरिका का सम्मान करते हैं और उसके साथ काम करना चाहते हैं, हम चीन के साथ भी काम करना चाहते हैं, लेकिन किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं।”
मैक्रों ने कहा, “भारत और फ्रांस अग्रणी हैं लेकिन अमेरिका और चीन हमसे बहुत आगे हैं। हम एआई पर एक साथ काम करना चाहते हैं। पीएम मोदी भी नई टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन वह चाहते हैं कि यह भारत में भी हो।’
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